फैक्ट चेक: 2004 में महिला की हत्या के आरोप में कुछ महिलाओं द्वारा किए नग्न प्रदर्शन की खबर हुई भ्रामक दावे के साथ वायरल
नग्न अवस्था में दिख रही कुछ महिलाओं की तस्वीर को मणिपुर का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये कुकी ईसाई महिलाएं हैं जो मणिपुर में प्रदर्शन कर रही हैं।
फेसबुक यूजर लिखते हैं बेशर्मी से ‘नग्न अवस्था में सुरक्षाबलों के विरोध करती इन हाहाकारी कुकी ईसाई महिलाओं को अगर इसी अवस्था में पकड़ कर गांव में घुमा दिया तो सबको रोना आ रहा है और यही दंगाई कुकी ईसाई समाज जब मैतैई हिन्दूओं को मार काट रहे थे तो मुंह में दही जमाए पड़े थे। मोदी जी सही कहते हैं – हिप्पोक्रेसी की भी सीमा होती है मित्रों’
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ
फैक्ट चेक :
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना की वायरल तस्वीर हालिया दिनों की नहीं और इसमें दिख रही महिलाए कुकी समुदाय की नहीं है।
सोशल मीडिया पर कुकी ईसाई महिलाओं का बताकर वायरल की का रही तस्वीर का सच जानने के लिए हमने इसे रिवर्स सर्च किया। इस प्रक्रिया में हमें e-pao की वेबसाइट पर यह वायरल इमेज प्राप्त हुई। यहां इस इमेज को साल 2004 में प्रकाशित किया गया है। यहाँ जानकारी दी गयी है की कुछ महिलाओं द्वारा मनोरमा नामक महिला की कथित रूप से असम राइफल्स के जवानों द्वारा हत्या करने के बाद यह नग्न प्रदर्शन किया।
कीवर्ड की सहायता से खोजने पर बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली। लेख में दी गई जानकारी से पता चलता है कि यह मामला 2004 का है। जहां असम राइफल्स के जवानों पर एक 32 साल की महिला मनोरमा के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या करने के बाद नग्न महिलाओं ने यह विरोध प्रदर्शन किया था। लेख में बताया गया है कि प्रदर्शन कर रही महिलाएं अधिकांशतः गरीब घरों की थीं।
खोज के दौरान Newsclik की रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को 2004 का बताया गया है, जब मनोरमा नामक एक महिला की हत्या कथित रुप से आर्मी के जवानों द्वारा किए जाने पर मैतेई समाज की महिलाओं ने असम रायफल के दफ्तर के आगे नग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि वायरल पोस्ट में यह भी दावा किया गया था कि यह नग्न प्रदर्शन कुकी समुदाय की महिलाओं द्वारा किया गया है। जबकि प्राप्त रिपोर्ट में जानकारी दी गयी है कि यह प्रदर्शन मैतेई समाज की महिलाओं ने किया था।
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि वायरल तस्वीर हाल की नहीं बल्कि करीब 14 साल पुरानी है। बता दें कि वायरल तस्वीर में नग्न प्रदर्शन करने वाली महिलाएं कुकी समुदाय की नहीं बल्कि मैतेई महिलांए थी।