राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी (आरएसएस) के स्वयंसेवकों द्वारा मार्च का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है।
पोस्ट का दावा है कि RSS द्वारा ये रैली उस रैली के विरोध में निकाली गई है जब पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं ने केरल के मलप्पुरम जिले में आरएसएस के कार्यकर्ताओं को चैन में बाँध कर उनकी परेड निकाली थी।
इस पोस्ट के साथ लिखा है – “Rss कार्यकर्ता को बनाया था बंदी बदले में 20 हजार कार्यकर्ता ने निकाली रैली #RSS #MohanBhagwat,”
अंग्रेजी में ट्रांसलेशन – ((RSS workers were held captive, in return, 20 thousand workers took out a rally #RSS #MohanBhagwat)
यहाँ उपरोक्त पोस्ट का लिंक दिया गया है
फैक्ट चेक :
NewsMobile ने इस पोस्ट की जाँच की और इस दावे को झूठा पाया।
हमने सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों को दो हिस्सों में जाचा और हमे ये मिला –
CLAIM 1: आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा मार्च का हालिया वीडियो।
पोस्ट का दावा है कि ये रैली हाल ही में निकाली गई थी, हालांकि, हमें पता चला कि आरएसएस सदस्यों द्वारा मार्च का वीडियो पुराना था।
हमने वीडियो से कीफ्रेम निकाले और उन्हें Google Reverse Image Search के माध्यम से सेरच किया। हमें 27 दिसंबर, 2019 को YouTube पर वही वीडियो मिला, जिसमें दावा किया गया था कि यह हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पहली बैठक के दौरान ये वीडियो लिया गया था।
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इसके अलावा, हमे 26 दिसंबर, 2019 को स्क्रॉल पर एक अन्य लेख भी मिला, जिसमें दावा किया गया था कि बड़ी संख्या में सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं यानी यूज़र्स ने इस रैली को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी और आरएसएस कार्यकर्ताओं के हैदराबाद में लाठी के साथ मार्च करते हुए इन्हीं वीडियो को पोस्ट किया।
इसके अलावा, हैदराबाद में आरएसएस मेगा मार्च की ऐसी ही तस्वीरें न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी 25 दिसंबर, 2019 को ट्विटर पर पोस्ट की थीं।
Telangana: State-level meeting of Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) began today with a route march in Hyderabad. pic.twitter.com/ZkGXrnB38E
— ANI (@ANI) December 25, 2019
इसके अलावा, इस वीडियो के बारे में इसी तरह के भ्रामक दावे को सितंबर 2020 में NewsMobile ने भी खारिज कर दिया था, जहां 2020 में भी सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा था की ये वीडियो हाल ही का है।
इसलिए, यह साबित होता है कि प्रचलन में सोशल मीडिया पर ये वीडियो 2019 से है और हाल ही का नहीं है।
CLAIM 2: RSS के सदस्यों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं ने बंदी बना लिया।
दुसरे दावे की बात करे तो न्यूज़ मोबाइल ने इसी वीडियो के किसी और दावे को 22 फरवरी 2021 में ही फैक्ट चेक किया है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने 17 फरवरी, 2021 को स्थापना दिवस के अवसर पर केरल के मलप्पुरम में एक एकता मार्च निकाला था। वीडियो में, आरएसएस की वर्दी में दिखाई देने वाले दो हथकड़ी वाले पुरुषों को भी इस वीडियो में देखा जा सकता है।
हालांकि, हमारी जांच में, हमने पाया कि आरएसएस की वर्दी में दो लोग पीएफआई के सदस्य थे जिन्होंने सिर्फ मार्च के लिए कपड़े पहने थे।
हमें 20 फरवरी, 2021 को इनशॉर्ट्स की एक रिपोर्ट में वीडियो से ही एक दृश्य मिला। रिपोर्ट की हेडलाइन थी, “पीएफआई ने केरल में आरएसएस कैडर जैसे कपड़े पहन कर लोगों के साथ रैली निकाली”।
अधिक जानकारी के लिए, फैक्ट चेक यहाँ पढ़ें।
इसलिए, उपरोक्त तथ्य की जांच से, यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो गलत है और एक पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है।
यदि आप किसी भी स्टोरी को फैक्ट चेक करना चाहते हैं, तो इसे +91 11 7127 9799 पर व्हाट्सएप करें