फैक्ट चेक: पुलिस पर हमला करते हुए लोगों की भीड़ का यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं, भ्रामक दावे के साथ वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो पर तेजी से वायरल हो रहा है, वीडियो में कुछ लोगों की भीड़ कुछ पुलिसकर्मियों पर हमला करते और उन्हें दौड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। इसी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में जुमें की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोग सुरक्षा कर्मियों को भी दौड़ाकर मार रहे है।
फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर कर हिंदी भाषा के कैप्शन में लिखा गया है कि “पश्चिम बंगाल में जुमें की नमाज के बाद सुरक्षा कर्मियों को भी दौड़ाकर मार रहे है शांतिप्रिय समुदाय के लोग अब कौन बचायेगा हिन्दूओं को..!!”
फेसबुक के वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल की पड़ताल में हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। इसलिए सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल की। सबसे पहले हमने वीडियो को कुछ कीफ्रेम्स में तोड़ा और फिर गूगल पर गूगल लेंस के माध्यम से खोजना शुरू किया। खोज के हमें वायरल वीडियो ANI के आधिकारिक एक्स हैंडल द्वारा किए गए एक पोस्ट में मिला। जिसे अप्रैल 28, 2020 को अपलोड किया गया था।
#WATCH: A crowd, which had gathered at a market place in Tikiapara of Howrah today – defying the lockdown, attacked Police personnel & pelted stones at them when they asked the crowd to return to their homes. 2 police personnel injured. #WestBengal (Video source: Amateur video) pic.twitter.com/EAZbm5wWlc
— ANI (@ANI) April 28, 2020
उपरोक्त प्राप्त पोस्ट में दी गयी जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो वाली घटना साल 2020 के दौरान की है, जब हावड़ा जिले के टिकियापारा मार्केट में कुछ पुलिसकर्मी लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पहुंचे थे। पोस्ट में बताया गया है कि जब साल 2020 में कोविड-19 के चलते देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। उस दौरान टिकियापारा के एक बाजार में लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए कुछ लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इसी भीड़ को तीतर-बितर करने जब मौके पर पुलिस पहुंची और लोगों को अपने घरों में लौट जाने को कहा, तो गुस्से में लोगों ने पुलिस पर पथराव किया था। इस घटना में 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
उपरोक्त मिली जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर बारीकी से खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो NMF नामक यूट्यूब पर भी वायरल वीडियो जहाँ बताया गया है कि यह घटना साल 2020 के दौरान की है।
पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से हमने जाना कि वायरल वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2020 के दौरान का है जब देश में कोविड-19 के चलते लॉकडाउन लगाया गया था।
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