अडानी विल्मर ब्रांडिंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें माना जा रहा है कि ये पोस्टर भारतीय रेलवे के इंजन पर है। अब इस पोस्ट के बाद कयास लगाए जा रहे है कि भारतीय रेलवे अडानी ग्रुप को बेचीं जा चुकी है।
सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट पर दावा किया गया है कि “जिस भारतीय रेलवे को देश के करोड़ों लोगों ने अपनी मेहनत से बनाया भाजपा सरकार ने उस पर अपने अरबपति मित्र अडानी का ठप्पा लगवादिया कल को धीरे धीरे रेलवे का एक बड़ा हिस्सा मोदी जी के अरबपति मित्रो को चला जायेगा किसान खेती किसानी को भी आज मोदी जी के अरबपति मित्रों के साथ में जाने से रोकने की लड़ाई लड़ रहे हैं हमारे किसान भाई हर भारतीय का दायित्व बनता है कि किसान है तो हम है हम उनका साथ दें और मैं आशा करती हूं हर एक हिंदुस्तानी हमारे देश के किसान भाइयों के साथ खड़ा ”।
(ट्रांसलेशन : The Indian Railway which was built by millions of people of the country with their hard work, now has a stamp of BJP government billionaire friend Adani. Tomorrow slowly a large portion of the railway will go to Modi ji’s billionaire friends. It is the responsibility of every Indian to support the farmers. We support them and I hope every Indian is standing with the farmer brothers of our country.)
उपरोक्त पोस्ट आप यहाँ देख सकते है।
बता दे पोस्ट को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (जो अब उन्होंने डिलीट कर दिया है) और हार्दिक पटेल (संग्रह / Archive) द्वारा साझा किया गया था।
फैक्ट चेक :
न्यूज़ मोबाइल ने इस पोस्ट की जांच की और पाया की ये भ्रामक और गलत है।
हमने इसी दावे के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट की जाँच की और पाया कि प्रेस सूचना ब्यूरो यानी (PIB) ने उसी पर स्पष्टीकरण जारी किया था।
PIB ने लिखा था – फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। जिसके बाद #PIBFactCheck में ये बात निकल के सामने आयी कि यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल ‘गैर किराया राजस्व’ को बेहतर बनाना है।
दावा: #फेसबुक पर एक वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने भारतीय रेल पर एक निजी कंपनी का ठप्पा लगवा दिया है। #PIBFactCheck: यह दावा भ्रामक है। यह केवल एक वाणिज्यिक विज्ञापन है जिसका उद्देश्य केवल 'गैर किराया राजस्व' को बेहतर बनाना है। pic.twitter.com/vSmK8Xgdis
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 16, 2020
इसके बाद हमने एक कीवर्ड खोज की और विनाइल रैपिंग (Vinyl Wrapping) के माध्यम से ट्रेनों में व्यावसायिक प्रचार यानी (Commercial Publicity) के बारे में भारतीय रेलवे द्वारा दिनांक 21 जून, 2012 को एक परिपत्र (Circular) देखा।
हमें मीडिया 4 ग्रोथ का 2019 का एक लेख यानी आर्टिकल मिला जिसमें लिखा था कि विभिन्न गाड़ियों के इंजन अब ब्रांडिंग के लिए उपलब्ध होंगे, लेकिन ये प्रमोशन केवल स्टीकर के माध्यम से किया जा सकेगा।
इसके अलावा हमें रेलवे इंजनों के विज्ञापनों के बारे में YouTube पर विभिन्न सूचनात्मक वीडियो भी मिले।
15 सितंबर, 2020 को भी न्यूज़ मोबाइल ने एक वीडियो का फैक्ट चेक किया था, जिसे भी इसी दावे के साथ साझा किया जा रहा था।
fact check: indian railways has not been renamed as adani railways; here’s the truth
इसीलिए हम दावा कर सकते है कि पोस्ट भ्रामक और गलत है।
यदि आप किसी भी स्टोरी को फैक्ट चेक करना चाहते हैं, तो इसे +91 11 7127 9799 पर व्हाट्सएप करें।