नई दिल्ली: भगवान विष्णु के छठे अवतार के जन्मदिवस के रुप में हर साल परशुराम जयंती मनाई जाती है. परशुराम जयंती हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परशुराम जी का जन्म प्रदोष काल में तृतीया तिथि में हुआ था. ऐसे में परशुराम जयंती का उत्सव भी प्रदोष काल में ही मनाया जाना चाहिए. इस साल परशुराम जयंती आज यानि 22 अप्रैल के दिन मनाई जा रही है. बता दे आज अक्षय तृतीया भी है और आज ही के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है.

क्या है इस जयंती का महत्व
परशुराम जयंती का महत्व इस बात से ही है कि परशुराम जी भगवान विष्णु के छठे अवतार थे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार परशुराम जी एक मात्र ऐसे अवतार हैं, जो आज भी पृथ्वी पर जीवित हैं. दक्षिण भारत के उडुपी के पास परशुराम जी का बड़ा मंदिर है. कल्कि पुराण के अनुसार मान्यता है कि, जब कलयुग में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि अवतरित होंगे, तो परशुराम जी ही उनको अस्त्र-शस्त्र में पारंगत करेंगे. भगवान राम से मुलाकात के बाद परशुराम जी भगवान विष्णु के अन्य अवतार से मिलेंगे.