देशभर में आज धूमधाम से मनाई जा रही है बकरीद, मस्जिदों में पढ़ी गयी ईद-उल-अजहा की नमाज
आज यानी 29 जून को पूरे देश में बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा है। मस्लिम मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही खास है। इस्लाम धर्म में बकरीद के दिन को बलिदान का प्रतीक माना जाता है। बकरीद में बकरा की कुर्बानी दी जाती है। लेकिन उससे पहले मस्जिद में जाकर बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की नमाज की अदा की जाती है। आज देश भर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मस्जिदों में ईद-उल-अझ की नमाज अदा की।
दिल्ली
#WATCH दिल्ली: ईद-उल-अजहा(बकरीद) के अवसर पर जामा मस्जिद में नामज के बाद लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। pic.twitter.com/6wXja7SLqM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2023
जम्मू-कश्मीर
#WATCH जम्मू-कश्मीर: ईद-अल-अज़हा के अवसर पर लोगों ने जम्मू में नमाज अदा की। #EidAlAdha2023 pic.twitter.com/S7RwKm9JrP
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महाराष्ट्र
#WATCH महाराष्ट्र: ईद-उल-अजहा(बकरीद) के मौके पर मुंबई की माहिम दरगाह में लोगों ने नमाज अदा की। #EidAlAdha pic.twitter.com/edVEwcm3Yq
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राजस्थान
#WATCH राजस्थान: ईद-उल-अजहा (बकरीद) के मौके पर जयपुर में लोगों ने नमाज अदा की। pic.twitter.com/Z01jNcXGMM
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मुसलमानों के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है। ईद-उल-अजहा की नमाज के बाद ही बकरे की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी के बकरे को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहले भाग रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए होता है, वहीं दूसरा हिस्सा गरीब, जरूरतमंदों को दिया जाता है जबकि तीसरा परिवार के लिए होता है।
गौरतलब है कि मुस्लिम मान्यताओं के मुताबिक, पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की इबादत में खुद को समर्पित कर दिया था। एक बार अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की इम्तिहान लिया और उनसे उनकी कीमती चीज की कुर्बानी मांगी। तब उन्होंने अपने बेटे हजरत इस्माइल को कुर्बानी देनी चाही। लेकिन पैगंबर हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी दी तो वहां उनके बेटे की जगह एक बकरे की कुर्बानी हुई। माना जाता है कि तब अल्लाह ने उनके बेटे को बकरे से बदल दिया और तब से मुसलमानों में बकरीद पर बकरे की कुर्बानी देनी की परंपरा शुरू हुई।