वाराणसी: ‘शिवलिंग’ की पूजा करने की याचिका पर वाराणसी की एक फास्ट-ट्रैक अदालत 14 नवंबर को अपना फैसला सुनाएगी.
सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के सिविल जज वादी द्वारा तीन मुख्य मांगों पर अपना फैसला सुनाएंगे, जिसमें स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की प्रार्थना की तत्काल शुरुआत की अनुमति, पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपना शामिल है, और ज्ञानवापी परिसर के परिसर के अंदर मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया.
बता दें कि सुनवाई में अदालत ने आदेश के लिए अब 14 नवंबर की तिथि तय की है. कोर्ट के आदेश से यह साफ होगा कि यह कि यह वाद सुनवाई योग्य है या नहीं. मामले को लेकर सुबह से ही दोनों पक्ष अपने वकीलों से तैयारियों को लेकर मंथन में जुटे हुए हैं.
हिंदू पक्ष ने उस संरचना की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह ज्ञानवापी मस्जिद के वज़ुखाना के अंदर पाया गया शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक ‘फव्वारा’ था. हिंदू पक्ष ने तब 22 सितंबर को वाराणसी जिला न्यायालय में एक आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें उन्होंने शिवलिंग होने का दावा करने वाली वस्तु की कार्बन डेटिंग की मांग की थी.