उत्तर प्रदेश के कासगंज में 2018 में हुई चंदन गुप्ता की हत्या के बहुचर्चित मामले में लखनऊ की एनआईए विशेष अदालत ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने इस मामले में शामिल सभी 28 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला देश में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में न्यायिक प्रक्रिया की सख्ती और निष्पक्षता को दर्शाता है।
क्या है चंदन गुप्ता हत्याकांड?
2018 में, कासगंज जिले में गणतंत्र दिवस के अवसर पर तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी। इस दौरान सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया, जो हिंसा में तब्दील हो गया। इसी दौरान चंदन गुप्ता, जो मात्र 22 वर्ष का युवक था, को गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी और सांप्रदायिक सद्भाव को गहरी चोट पहुंची।
मामले की जांच और सुनवाई
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मामले की गंभीरता से जांच की। जांच में यह सामने आया कि चंदन की हत्या पूर्वनियोजित थी और इसमें 28 लोगों का सीधा हाथ था। सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें हत्या, दंगा, और सांप्रदायिक उन्माद फैलाने जैसी गंभीर धाराओं को शामिल किया गया।
अदालत का फैसला
लखनऊ की एनआईए विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे अपराध केवल एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा हैं। जज ने अपने फैसले में कहा, “यह न्याय का समय है कि हम यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक हिंसा का शिकार न बने।”
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया
चंदन गुप्ता के परिवार ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनके पिता ने कहा, “हमारी लड़ाई केवल चंदन के लिए नहीं थी, बल्कि न्याय के लिए थी। यह फैसला हमें संतोष देता है कि हमारे बेटे को इंसाफ मिला।”
आरोपियों का पक्ष
वहीं, बचाव पक्ष के वकीलों ने अदालत के इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है। उनका दावा है कि यह सजा तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर बहुत कठोर है और इसे उच्च न्यायालय में अपील किया जाएगा।
संदेश और प्रभाव
इस फैसले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय न्याय प्रणाली सांप्रदायिक हिंसा और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त है। यह फैसला समाज को यह संदेश देता है कि हिंसा और उन्माद फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
चंदन गुप्ता की स्मृति
चंदन गुप्ता का नाम अब भी उन लोगों के लिए प्रेरणा बना हुआ है, जो समाज में सद्भाव और एकता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर निकाली जाने वाली तिरंगा यात्राओं में उनके बलिदान को याद किया जाता है।