केंद्र की मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को हरी झंडी दे दी है. 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है. इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है.
अहम बदलाव
– नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा.
– बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा
– 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा
-वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.
– 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे.
– अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
Cabinet Briefing @PrakashJavdekar @DrRPNishank https://t.co/47u5S0pH6f
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
शिक्षा नीति की प्रमुख बातें –
नई शिक्षा नीति के कुछ खास प्वाइंट्स
-शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने पर जोर.
-प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी.
-वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा.
-छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा.
-नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंंगी.
I am thankful to Hon'ble Prime Minister Shri @narendramodi Ji for giving me this opportunity to introduce #NewEducationPolicy after 34 years.
I assure you that my ministry will work hard to fulfil your dreams and aspirations of #AatmaNirbharBharat.#NEP2020 https://t.co/S5YF8FfZT5
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
इस शिक्षा नीति के लिए ली गयी थी राय –
केंद्र की मोदी सरकार ने इस शिक्षा नीति के लिये बड़े स्तर पर जनता की राय ली थी। बता दें कि इसके लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6,600 ब्लॉक्स, 676 जिलों से सलाह ली गई थी.
#NEP2020
We will be setting up NRF to develop a research culture. This will be done through suitable incentives, recognition of outstanding research & undertaking initiatives to seed & grow research at State Universities & public institutions where research capability is limited. pic.twitter.com/FepzuCjE0I— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
#NEP2020
🟠Our UG degree will have multiple exit options.🟠
We will be establishing an Academic Bank of Credit that would digitally store academic credits earned from various recognized HEIs, so that the degrees from an HEI can be awarded taking credits earned into account. pic.twitter.com/blzCnFHdab— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020
ख़त्म हुआ 10 + 2 का कांसेप्ट –
10+2 के कांसेप्ट को बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा.
इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं.
शिक्षकों के लिए ये रहेगा फायदेमंद
#NEP2020
Good news for teachers!Teachers will be recruited through robust and transparent processes. Promotions will be merit-based, and a mechanism will be developed for multi-source periodic performance appraisals. pic.twitter.com/VoiLtszTZ3
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 29, 2020