कांग्रेस के कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले ने अब फिरसे तूल पकड़ ली है और इसी ने अब कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ा दी है । दरअसल न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने इस मामले में एक बढ़ा खुलासा किया है। ANI के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की एक वरिष्ठ टीम कांग्रेस टूलकिट मामले में ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से पूछताछ करने 31 मई को बेंगलुरु गई थी। बता दे इससे पहले 25 मई को दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने मामले की जांच के संबंध में ट्विटर इंडिया को नोटिस भी भेजा था।
ट्विटर इंडिया के ऑफिस भी पहुंची थी दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कथित तौर पर वायरल हुई कांग्रेस टूलकिट के केस के मामले में 25 मई को ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा था। नोटिस में दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को मैनिपुलेटिव बताने पर स्पष्टीकरण मांगा था यानी (संबित के ट्वीट को मैनिपुलेटिव मीडिया बताने का कारण)। ख़बरों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की दो टीम दिल्ली के लाडो सराय ओर गुरुग्राम में स्थित ट्विटर के कार्यालय भी पहुंची थी।
A senior-level team of Delhi Police's Special Cell had gone to Bengaluru, Karnataka on May 31 to interrogate Twitter India MD Manish Maheshwari regarding 'Congress toolkit case': Sources
— ANI (@ANI) June 17, 2021
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क्या है कांग्रेस टूलकिट का पूरा मामला?
दरअसल भाजपा सरकार ने पिछले महीने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी ने सोशल मीडिया के लिए एक टूलकिट बनाया था, जिसके अनुसार सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ‘भारतीय स्वरूप’ या ‘मोदी स्वरूप’ के रूप में पेश किया गया। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने इस टूलकिट के जरिये देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की।
कांग्रेस ने आरोपों को किया खारिज।
हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिए फर्जी टूलकिट का सहारा ले रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने टूलकिट के मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था।
इसीलिए भी बढ़ा था विवाद ।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस के कथित टूलकिट को बीजेपी नेताओं द्वारा ट्वीट किए जाने के बाद ट्विटर ने इसे मैनुपुलेटेड मीडिया कैटगरी (तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी) में भी डाल दिया था और इसके बाद काफी विवाद हुआ था।