पिछले कुछ दिनों से कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
बागी विधायकों की अर्जी के साथ साथ स्पीकर के आर रमेश कुमार की अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. बागी विधायकों का आरोप है कि स्पीकर अपने संवैधानित दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं. वहीं स्पीकर का कहना है कि उनका पद भी संवैधानिक है और उन पर दबाव नहीं डाला जा सकता है.
बागी विधायकों की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 6 जुलाई को 10 बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. पांच विधायकों ने बाद में इस्तीफा दिया था. रोहतगी ने कहा कि इस्तीफे को अयोग्यता से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.
Hearing in the matter of rebel Karnataka MLAs: Mukul Rohatgi, representing 10 rebel MLAs says, The Speaker can't hold the resignation for so many days. The rule states it has to be decided soon." https://t.co/sAtuuF2Hs5
— ANI (@ANI) July 16, 2019
रोहतगी ने कहा कि इस्तीफा देने वाला विधायक किसी भी पार्टी में शामिल हो सकता है. रोहतगी ने कहा कि स्पीकर को बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करना ही चाहिए.
बागी विधायकों की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर व्यक्ति विधायक नहीं रहना चाहता है, तो कोई उन्हें फोर्स नहीं कर सकता है. विधायकों ने इस्तीफा देने का फैसला किया और वापस जनता के बीच जाने की ठानी है. अयोग्य करार दिया जाना इस इच्छा के खिलाफ होगा.
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चीफ जस्टिस ने इस दौरान कहा कि हम ये तय नहीं करेंगे कि विधानसभा स्पीकर को क्या करना चाहिए, यानी उन्हें इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए या नहीं. हालांकि, हम सिर्फ ये देख सकते हैं कि क्या संवैधानिक रूप से स्पीकर पहले किस मुद्दे पर निर्णय कर सकता है.
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों ने स्पीकर द्वारा इस्तीफा स्वीकार ना करने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसमें से 10 विधायकों ने पहले और बाकी विधायकों ने बाद में अलग से याचिका दायर की थी.
बता दें कि 18 जुलाई को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट का आज जो भी फैसला आता है वह काफी अहम होने वाला है.