देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीनेशन अभियान तेजी से चल रहा है। इस अभियान में 60 साल से ऊपर उम्र वाले लोग और 45 साल से ऊपर के उन लोगों को वाक्सिने दी जा रही है जिन्हें कोई बीमारी है। इसी क्रम में देश के बड़े बुज़ुर्ग बड़े उत्साहित हो कर न केवल खुद ठीक लगवा रहे है बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का सबब बन रहे है। इसी कड़ी में गुरुवार को उत्तर प्रदेश के जालौन में वैक्सीनेशन का एक ऐसा अध्याय लिखा गया जिसे सब याद रखेंगे। दरअसल यहाँ जालौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 109 साल की राम दुल्हैया को कोरोना का टीका लगाया गया। राम दुल्हैया देश की सबसे उम्रदराज महिला हैं। बता दे प्रोटोकॉल के तहत वैक्सीन लगने के आधे घंटे तक उन्हें निगरानी में रखा गया। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान प्रशासन ने उन्हें सम्मानित भी किया है।
तोड़ा इस महिला का रिकॉर्ड।
दरअसल इससे पहले बेंगलुरु में 103 साल की बुजुर्ग जे. कमलेश्वरी को कोरोना की पहली खुराक दी गई थी। वे अब तक के वैक्सीनेशन प्रोग्राम के अनुसार देश की सबसे उम्रदराज महिला थीं, जिन्हें कोविड-19 का टीका लगाया गया था। लेकिन, जालौन की राम दुल्हैया ने उनका रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
फूल मालाओं से हुआ स्वागत और फिर दी गयी पहली डोज़।
वैक्सीनेशन के 61वें दिन गुरुवार को जालौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में वीरपुरा की रहने वाली 109 साल की महिला राम दुल्हैया कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने के लिए पहुंची। जहां अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मी और भाजपा विधायक गौरीशंकर वर्मा ने उनका स्वागत फूल माला और शॉल ओढ़ाकर किया। इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें वैक्सीनेशन कक्ष में ले गए। जहां पर बुजुर्ग महिला को स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा वैक्सीनेशन की पहली डोज दी गई।
परिजनों का दावा – असली उम्र 115 है।
भले ही दुल्हैया की उम्र अभिलेखों में 109 वर्ष है लेकिन परिजनों के अनुसार महिला की उम्र लगभग 115 वर्ष हो चुकी है। इधर इस मौके पर राम दुल्हैया के साथ उनके परिजन भी काफी उत्साहित दिखाई दिये।