इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का आज 50 साल बाद समारोहपूर्वक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किया गया. यह ज्योति देश के वीर जवानों की शहादत की प्रतीक है.
वर्ष 1971 के युद्ध में जो जवान शहीद हुए थे, उनकी याद में ये लौ (अमर जवान ज्योति) जलाई गई थी. दूसरी ओर,नेशनल वार मेमोरियल 2019 में बना था और इसमें अभी तक के युद्ध और सभी सैन्य ऑपरेशन्स में शहीद हुए करीब 26000 जवानों के नाम अंकित हैं.
🔲 #WATCH दिल्ली: इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को हटाकर उस ज्योति को ‘वॉर मेमोरियल’ में लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। #AmarJawanJyoti
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— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) January 21, 2022
केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि अमर जवान ज्योति की मशाल की लौ को बुझाया नहीं जा रहा है, बल्कि से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की ज्वाला में मिलाया गया है.
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सरकार की दलील है कि 1971 के युद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों से किसी का भी नाम इंडिया गेट पर उल्लेखित नहीं है, वहां सिर्फ प्रथम विश्व युद्ध में शहीद जवानों के नाम ही अंकित हैं. जबकि नेशनल वार मेमोरियल में 26 हजार से ज्यादा जवानों के नाम उल्लेखित हैं. लिहाजा बेहतर होगा कि इस लौ को स्मारक में लाया जाए.
बता दें कि 26 जनवरी 1972 को इंदिरा गांधी ने अमर जवान ज्योति ने यह लौ जलाई थी, जिसे अब 50 साल बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ले जाया गया.