किसी भी बच्चे के माँ – बाप अपनी औलाद के लिए दुनिया के दुःख झेलने तैयार होते है। इतना ही नहीं उनका प्रेम इस कदर होता है कि जिसका कोई मोल न हो लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसी घटना आयी है जिसने माँ – बाप के प्रेम को ही प्रश्न चिन्हों में रख दिया है। दरअसल यहां पर एक लावारिस नवजात मिला है। नवजात सीमेंट की तीन खाली बोरियों के अंदर भरकर फेंका गया था। झाड़ियों के बीच से बच्चे के रोने की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने नवजात को बचाया। हैरानी वाली बात यह है कि कंबल और तीन बोरियों के अंदर लिपटे रहने के बावजूद नवजात जीवित है। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
नवजात की आवाज़ सुन कर हुआ संदेह।
यह घटना है मेरठ के थाना परतापुर के शताब्दी नगर की। यहाँ देर रात किसी ने झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो लोगों ने ढूंढना शुरू किया। वहां एक बोरी पड़ी हुई थी। बोरी निकाली गई। जब उसे खोला गया तो एक और बोरी बंधी हुई थी। इसके बाद तीसरी बोरी में कंबल में लिपटा नवजात पड़ा था। लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दी। दिल को झकजोर देने वाली बात ये है कि नवजात ठंड से ठिठुरा हुआ था।
सीसीटवी फुटेज खंगाल रही पुलिस।
इस घटना के बाद डॉक्टरों का कहना है कि नवजात प्री-मेच्योर है। उसकी नार भी नहीं काटी गई थी। नवजात को देखकर साफ पता चल रहा था कि उसका जन्म कुछ ही देर पहले हुआ था। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं ताकि पता चल सके कि बच्चे को झाड़ियों में किसने और कब फेंका।