मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए सख्त कानून ‘धर्म स्वतंत्र विधेयक’ को अध्यादेश के तौर पर लागू करने को मंजूरी दे दी है। आज कैबिनेट में सर्वसम्मति के बाद यह मंजूरी दी गई है। बता दे अब अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा। और राज्यपाल की मंजूरी के बाद ये क़ानून लागू किया जायेगा। गौरतलब है कि कानून के तहत साजिश के तहत धर्मांतरण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी जिसमे अधिकतम 10 साल तक की सजा होगी और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकेगा।
हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि नववर्ष 2021 का शुभारंभ नई उमंग, उत्साह, आशा और विश्वास के साथ हो।
आज धर्म स्वातंत्र्य विधेयक समेत अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों को अध्यादेश के ज़रिये कानून बनाया जाएगा। pic.twitter.com/eBRmWybJOP
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 29, 2020
कोरोना कि वजह से नहीं ला पाए विधेयक
बता दें कि इस विधेयक को 28 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र में पेश कर पारित करवाना था, लेकिन कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते इस सत्र को रविवार को स्थगित कर दिया गया था, इसलिए अब सरकार ने अध्यादेश लाकर मंजूरी दी है।
लोभ, लालच, भय, प्रलोभन देकर या कुत्सित इरादों से विवाह करना अथवा धर्मांतरण करवाना संज्ञेय अपराध है।
अधिनियम विरुद्ध सामूहिक धर्म परिवर्तन किये जाने पर 5 से 10 वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदण्ड की सजा होगी। pic.twitter.com/NuNCE3X9Zq
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 29, 2020
यूपी की तर्ज पर है कानून।
मध्यप्रदेश का ‘धर्म स्वतंत्र विधेयक’, पिछले महीने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिसूचित ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के समान है, क्योंकि उसमें भी जबरन धर्मांतरण करवाने वाले के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। इस अध्यादेश के आने के बाद अब कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बलपूर्वक विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर पायेगा।