लोकप्रिय गीतकार जावेद अख्तर ने गुरुवार को कहा कि उन्हें बुर्खा पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून से कोई ऐतराज़ नहीं है, अगर उसमें घूंघट (हिंदू महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला घूंघट) के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई करने के प्रावधान हो.
अख्तर ने भोपाल में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा,”यदि आप यहां (भारत में) बुर्खा पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाना चाहते हैं और यदि यह किसी का विचार है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन राजस्थान में अंतिम चरण के चुनाव से पहले, इस सरकार को उस राज्य में घूंघट की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करनी चाहिए.”
अख्तर की यह टिप्पणी शिवसेना द्वारा बुधवार को दिए बयान के बाद आयी है, जिसमे शिवसेना ने मोदी सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुर्खा पहनने पर प्रतिबंध लगाने में श्रीलंका का अनुकरण करने का आग्रह किया था.
अख्तर ने आगे कहा,”मुझे लगता है कि ‘घूँघट’ हैट जाना चाहिए और बुर्का भी हैट जाना चाहिए. मुझे खुशी होगी.”
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इस मुद्दे पर आगे बात करते हुए, बॉलीवुड के दिग्गज ने कहा,”मुझे बुर्खे की बहुत कम जानकारी है क्योंकि मेरे परिवार में कामकाजी महिलाएं थीं और मैंने अपने घर पर यह परंपरा नहीं देखी थी.”
गीतकार ने कहा,“इराक एक बहुत ही रूढ़िवादी मुस्लिम देश है, लेकिन वहां की महिलाएं अपना चेहरा नहीं ढंकती हैं. श्रीलंका में कानून भी अब चेहरा ढंकने से मना करता है.”
बीते बुधवार को शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के नक्शेकदम पर चलने और भारत में बुर्खा और अन्य चेहरे को ढंकने वाले कपड़ों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा था, ताकि वे देश की सुरक्षा के लिए खतरा ना बन सकें.
ईस्टर संडे के आतंकी हमलों में 250 से अधिक लोगों की मौत के बाद श्रीलंका में बुर्खा पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.