टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है। अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक होगा। एयर इंडिया के लिए टाटा संस ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाई, जबकि स्पाइसजेट के अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ की बोली लगाई थी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा।
🔲Talace Pvt Ltd of Tata Sons is the winning bidder at Rs 18,000 crores. The transaction is expected to close by the end of December 2021, says Tuhin Kant Pandey, Secretary, DIPAM @SecyDIPAM #Tatasons #airindia @airindiain @TataCompanies pic.twitter.com/UKNdgx5e0f
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) October 8, 2021
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने ट्वीट कर एयर इंडिया का स्वागत किया –
Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV
— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021
कंपनी पर 65 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज।
बता दें कि एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (AISAM) पैनल ने एयर इंडिया की वित्तीय बोली पर फैसला लिया है। इस पैनल में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री और अधिकारी शामिल हैं। पांडे ने कहा कि जब एयर इंडिया विनिंग बिडर के हाथ में चली जाएगी तब उसकी बैलेंसशीट पर मौजूद 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज सरकारी कंपनी AIAHL के पास जाएगा।
🔲The total debt on #AirIndia as of 31st August 2021 is Rs 61,562 crores, says Tuhin Kant Pandey, Secretary, DIPAM
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) October 8, 2021
सरकार को इस डील से मिलेगा इतना पैसा।
इधर सरकार को इस डील में 2,700 करोड़ रुपये का कैश मिलेगा। बता दे कि मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है। DIPAM सचिव ने कहा कि एयर इंडिया पर टोटल डेट 46262 करोड़ का है। यह आंकड़ा मार्च 2021 तक का है। वही अगस्त के अंत तक यह आंकड़ा बढ़कर 65562 करोड़ पर पहुंच गया।
1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से हुई थी शुरुआत।
गौरतलब है कि एयर इंडिया की स्थापना जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में की थी। उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था।