बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना को अदालत की अवमानना के एक मामले में दोषी ठहराते हुए छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। यह सजा इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल-1 ने सुनाई, जिसकी तीन सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तजा मोजुमदार कर रहे थे।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह पहली बार है जब किसी आपराधिक मामले में शेख हसीना को जेल की सजा दी गई है। ट्रिब्यूनल ने गैबांधा के गोविंदगंज निवासी शकील अकंद बुलबुल को भी इसी मामले में दो महीने की जेल की सजा सुनाई है।
जानकारी के अनुसार, अगस्त 2024 में बांग्लादेश में व्यापक विरोध प्रदर्शन और अवामी लीग सरकार के पतन के बाद शेख हसीना देश छोड़कर भारत आ गई थीं। फिलहाल वह नई दिल्ली में रह रही हैं। बांग्लादेश में यह फैसला राजनीतिक और न्यायिक हलकों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह किसी पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ पहला ऐसा फैसला है जिसमें जेल की सजा सुनाई गई है।
फिलहाल इस मामले पर शेख हसीना या उनके प्रतिनिधियों की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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