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10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे PM Modi, AI शिखर सम्मेलन की करेंगे सह-अध्यक्षता

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस का दौरा करेंगे. पीएम मोदी पेरिस में एआई समिट 2025 की सह अध्यक्षता करेंगे. फ्रांस ने भारत को इस सम्मेलन की सह अध्यक्षता के लिए निमंत्रण दिया था. जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और चीनी उप प्रधानमंत्री कई अन्य लोग शिरकत करेंगे.

 

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे. यह यात्रा फ्रांस द्वारा आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन के आयोजन के अवसर पर हो रही है और प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ इस AI एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे… प्रधानमंत्री 10 फरवरी की शाम को पेरिस पहुंचेंगे. वह उस शाम राष्ट्रपति मैक्रों द्वारा सरकार के प्रमुखों और राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में एलिसी पैलेस में आयोजित रात्रिभोज में शामिल होंगे.

 

उन्होंने आगे कहा, रात्रिभोज में टेक डोमेन से बड़ी संख्या में CEO और शिखर सम्मेलन में आमंत्रित कई अन्य विशिष्ट लोगों के भी शामिल होने की संभावना है. अगले दिन 11 फरवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रपति मैक्रों के साथ AI एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे…यह हाल के दिनों में आयोजित होने वाला तीसरा ऐसा उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन है. इनमें से पहला 2023 में यूके में, दूसरा 2024 में कोरिया गणराज्य में और अब यह फ्रांस में है.”

 

भारतीय अप्रवासियों के निर्वासन पर बोले विक्रम मिस्त्री

अमेरिका से अवैध भारतीय अप्रवासियों के निर्वासन पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “विदेश मंत्री द्वारा प्रतिबंधों के उपयोग से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया का विवरण, जिसके बारे में हमें आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन सहित अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया है. विदेश मंत्री ने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि ये लंबे समय से प्रचलन में हैं… दुर्व्यवहार के मुद्दे पर, यह उठाने के लिए एक वैध मुद्दा है और हम अमेरिकी अधिकारियों पर जोर देते रहेंगे कि निर्वासितों के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए… हम दुर्व्यवहार के किसी भी मामले को उठाते रहेंगे जो हमारे ध्यान में आएगा. अवैध आव्रजन को बढ़ावा देने वाले अंतर्निहित पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ पूरे सिस्टम में कार्रवाई की जानी चाहिए…”

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