फैक्ट चेक: साल 2016 में पंजाब में हुई घटना के वीडियो को हालिया दिनों का बताकर किया वायरल
बीते शनिवार यानी 2 अप्रैल से हिन्दुओं के पवित्र पर्व नौरात्रि तथा हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नए साल का आरम्भ हुआ है। इसी को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भगवा रंग के झंडों के साथ एकत्रित हुई एक भीड़ को समुदाय विशेष के लोगों से झड़पते तथा आपस में पथराव करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि हिंदू नव वर्ष की रैली की भीड़ पर एक समुदाय विशेष के लोगों ने हमला किया।
फेसबुक पर हिंदी भाषा के कैप्शन के साथ लिखा गया ‘हिंदू नव वर्ष की रैली में समुदाय विशेष के भीड़ ने किया हमला रैली को आगे नहीं जाने दिया ‘
फेसबुक पर वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ देखें।
फैक्ट चेक:
न्यूज़मोबाइल ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है। इसका हालिया दिनों से कोई संबंध नहीं है।
वायरल वीडियो को देखने पर हमें इसके पुराने होने की आशंका हुई। जिसके बाद हमने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की। अपनी पड़ताल के पहले चरण में हमने वीडियो को InVid टूल के माध्यम से कुछ कीफ्रेम्स में बदला और फिर बाद में गूगल पर उन्हीं कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च टूल से खोजना शुरू किया।
वीडियो की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने वायरल हो रहे वीडियो को गौर से देखा। इस दौरान हमारी नजर वीडियो में दिख रहे ‘Nikhil Collection’ नामक बोर्ड पर पड़ी।
जिसके बाद हमने गूगल पर Nikhil Collection नाम से खोजा। खोज में गूगल पर मिले परिणामों से हमें पता चला यह दुकान पंजाब के फगवाड़ा में है, जिससे हमें आशंका हुई कि वायरल वीडियो की घटना पंजाब से हैं।
इसके बाद हमने गूगल पर कीफ्रेम्स के साथ ही कुछ संबंधित कीवर्ड्स से दोबारा खोजना शुरू किया। खोज के दौरान हमें वायरल वीडियो से मेल खाता एक और वीडियो Azad Tv News नामक यूट्यूब चैनल पर मिला। इस दौरान Nikhil Collection की दुकान के बोर्ड को भी देखा जा सकता है। बता दें यह वीडियो यूट्यूब पर जुलाई 22, 2016 पहले अपलोड किया गया था।
पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से तथ्यों को खोजा। इस दौरान हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर उक्त मामले से संबंधित जुलाई 24, 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 के दौरान पंजाब के फगवाड़ा स्थित हनुमानगढ़ी में शिव सेना के कायर्कर्ताओं और अल्पसंख्यकों में पथरबाजी हो गयी थी जिसके बाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी। इस मामले में कई पुलिस कर्मियों को भी निलंबित किया गया था।
वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि यह वीडियो हालिया दिनों का नहीं बल्कि साल 2016 के दौरान पंजाब में हुई हिंसक झड़प का है।