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फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर इन दिनों सांप्रदायिक रंग देकर वायरल हो रही मलेशिया की 5 साल पुरानी खबर, भारत से नहीं है इस खबर का कोई वास्ता 

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फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर इन दिनों सांप्रदायिक रंग देकर वायरल हो रही मलेशिया की 5 साल पुरानी खबर, भारत से नहीं है इस खबर का कोई वास्ता 

 

भारत में इन दिनों विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ चर्चा का विषय बनी हुई है। कश्मीरी पंडितों पर आधारित इस फिल्म को जहां एक तरफ प्रशंसा मिल रही है वहीं दूसरी ओर इस फिल्म की आड़ में कुछ अराजक तत्व देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।  

 

फिल्म के रिलीज़ होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर हिन्दू-मुस्लिम को लेकर सैकड़ों दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसे में इन दिनों इंटरनेट पर News 18 की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर के शीर्षक का स्क्रीनशॉट खूब तेजी से वायरल हो रहा है। हिंदी भाषा के शीर्षक में छपा है कि (‘गंदे रहते थे हिन्दू, इस्लाम ने ही सिखाया शिष्टाचार’,यूनीवर्सिटी के सिलेबस पर बवाल)

 

इसी स्क्रीनशॉट को इन दिनों फेसबुक तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर कर देश में साम्प्रदयिक सद्भाव को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। News18 की खबर के इस स्क्रीनशॉट को फेसबुक पर शेयर कर लिखा गया है ‘महीने भर तक न नहाने बाले बदबू छुपाने इत्र का प्रयोग करते हो …वो उस हिन्दू को गंदा कह रहा है जो हररोज नहाने के बाद ही किचन में या काम पर जाता हो। ऐसे ही झूठ की फैक्ट्री वाले प्रोफेसर इतिहासकार न जाने कितने झूठ परोसते आये है

 

 

फेसबुक पर वायरल पोस्ट का लिंक यहाँ और ट्विटर पर वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

 

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से दो बातें पता चलीं:

  1. वायरल स्क्रीनशॉट की खबर भारत से नहीं बल्कि मलेशिया से है।
  2. यह खबर साल 2016 के दौरान की है इसका मौजूदा दिनों से संबंध नहीं।

 

सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट वाली इस खबर की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। जहां खोज के दौरान हमें उक्त शीर्षक वाली खबर News18 की ही वेबसाइट पर मिली, जिसे जून 14, 2016 में प्रकाशित किया गया था।

 

News 18 की वेबसाइट पर मिली रिपोर्ट के मुताबिक यह खबर मलेशिया के एक युनीवर्सिटी की है। जहां साल 2016 के दौरान यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया (यूटीएम) के एक अध्यापन मॉड्यूल में भारत के हिंदुओं को ‘अस्वच्छ एवं गंदा’ बताया गया था। रिपोर्ट में दी गयी जानकारी के मुताबिक मलेशिया के भारतीय मूल के तत्कालीन उपशिक्षा मंत्री पी कमलनाथन द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया था।

 

प्राप्त जानकारी की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से तथ्यों को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें India tv की वेबसाइट पर भी मामले से संबंधित जून 15, 2016 को ही प्रकाशित एक और रिपोर्ट प्राप्त हुई।

 

 

इंडिया टीवी की प्राप्त रिपोर्ट में इस तथ्य की पुष्टि की गयी है कि वायरल स्क्रीनशॉट वाली खबर मलेशिया की है। रिपोर्ट में दी गयी जानकारी के मुताबिक, मलेशिया के तत्कालीन उपशिक्षा मंत्री पी कमलनाथन द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया था। जिसके बाद यूटीएम युनीवर्सिटी के कुलपति ने इस भूल को स्वीकार किया और युनीवर्सिटी के मॉड्यूल में जरूरी बदलाव करने का आश्वासन देने के साथ यूटीएम के अधिकारियों से ऐसी भूल दोबारा न होने की हिदायत दी थी। भारतीय मूल के कमलनाथन ने इसकी जानकारी फेसबुक पर एक पोस्ट के माध्यम से दी थी।

 

जिसके बाद हमें मलेशिया के तत्कालीन उपशिक्षा मंत्री पी कमलनाथन के आधिकारिक फेसबुक पर वह पोस्ट भी प्राप्त हुई, जहां उन्होंने यूटीएम युनीवर्सिटी के विवादित सिलेबस के मसले पर जानकारी दी थी।

 

 

तत्कालीन उपशिक्षा मंत्री पी कमलनाथन के आधिकारिक फेसबुक के पोस्ट का लिंक यहां देखें।

 

वायरल स्क्रीनशॉट की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि यह खबर साल 2016 के दौरान की है, जहां मलेशिया की यूटीएम युनीवर्सिटी के एक अध्यापन मॉड्यूल को लेकर बवाल हुआ था, लेकिन बाद में मलेशिया के तत्कालीन उपशिक्षा मंत्री पी कमलनाथन द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद इस मसले का समाधान किया जा चुका था। इससे पता चला कि वायरल पोस्ट भ्रामक है, जिसे एक बार फिर से इन दिनों इंटरनेट पर शेयर कर देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है।