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ब्रुनेई के साथ नया दौर शुरू, भारत और ब्रुनेई के बीच सहमति पत्रों का हुआ आदान-प्रदान

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ब्रुनेई दारुस्सलाम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया और उनके परिवार के करीबी सदस्यों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. भारत और ब्रुनेई के बीच सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर और आदान-प्रदान हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं आपके और पूरे शाही परिवार के प्रति आपके भावपूर्ण शब्दों, गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. मैं 140 करोड़ भारतीयों की ओर से स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ पर आपको और ब्रुनेई के लोगों को शुभकामनाएं देता हूं. हमारे बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंध हैं. हमारी मित्रता का आधार हमारी महान सांस्कृतिक परंपरा है. आपके नेतृत्व में हमारे संबंध दिन-प्रतिदिन मजबूत होते रहे हैं. 2018 में हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आपकी भारत यात्रा की यादें आज भी भारत के लोग बड़े गर्व के साथ याद करते हैं. मुझे बेहद खुशी है कि मुझे अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ब्रुनेई की यात्रा करने और आपके साथ भविष्य पर चर्चा करने का अवसर मिला है. यह भी एक सुखद संयोग है कि इस वर्ष हम द्विपक्षीय साझेदारी की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक विज़न में ब्रुनेई का एक महत्वपूर्ण भागीदार होना हमारे लिए उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है.”

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं इस गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य के लिए महामहिम और पूरे शाही परिवार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं. यह भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा है, लेकिन हर पल हम यहां दोनों देशों के सदियों पुराने संबंधों का एहसास कर रहे हैं. इस वर्ष ब्रुनेई की स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ है, आपके नेतृत्व में ब्रुनेई ने परंपरा और निरंतरता के महत्वपूर्ण संगम के साथ प्रगति की है… 140 करोड़ भारतीयों की ओर से, मैं आपको और ब्रुनेई के लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.”

 

उन्होंने आगे कहा, “भारत और ब्रुनेई के बीच गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं. इस वर्ष हम अपने राजनीतिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. इस अवसर पर हमने अपने संबंधों को एन्हांस पार्टनरशिप का दर्जा देने का निर्णय लिया है. हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक दिशा देने के लिए सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की. हम आर्थिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने कृषि, उद्योग, फार्मा और स्वास्थ्य के साथ-साथ फिनटेक और साइबर सुरक्षा में आपसी सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है… रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए हमने रक्षा उद्योग प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की संभावनाओं पर सकारात्मक रूप से विचार किया. अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए हमने उपग्रह विकास, रिमोट सेंसिंग और प्रशिक्षण पर सहमति व्यक्त की है. दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी के लिए जल्द ही सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी…”

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