NEET और JEE की परीक्षा देश में तमाम विरोध और कोरोना के प्रकोप के बीच में आयोजित हुई। इस परीक्षा के लिए बच्चों ने कई सालों से मेहनत की थी और इस महामारी में ये परीक्षा देने का अनुभव भी अनोखा ही था। कई छात्रों के संघर्ष की कहानी रोचक और मुश्किलें भरी तो रही मगर इस छात्र की कहानी से आपकी आत्मा भी झकझोर हो जाएँगी। दरअसल तमाम परेशानियों के बीच परीक्षा देने बिहार के दरभंगा से 700 किलोमीटर का सफर तय कर कोलकाता पहुंचा एक छात्र मात्र 10 मिनट की देरी की वजह से परीक्षा देने से वंचित रह गया.
दरअसल दरभंगा के रहने वाले संतोष कुमार यादव को परीक्षा देने कोलकाता जाना था. दरभंगा से वह तय समय पर चला भी लेकिन कोलकाता के साल्ट लेक में स्थित परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में उसे 10 मिनट की देर हो गई, जिसके कारण अधिकारियों ने उसे परीक्षा नहीं देने दी.
संतोष ऐसे हुआ लेट।
परीक्षा के लिए संतोष शनिवार को कोलकाता जाने के लिए उसने सुबह 8 बजे दरभंगा से मुजफ्फरपुर जाने वाली बस पकड़ी थी. वहां से पटना की बस ली, लेकिन रास्ते में जाम लगा था. इस वजह से वह 6 घंटे तक फंसा रहा. पटना से रात 9 बजे वह कोलकाता जाने वाली बस में सवार हुआ, जिससे दूसरे दिन दोपहर 1 बजे वह सियालदह स्टेशन पहुंचा. वहां से टैक्सी लेकर वह साल्टलेक पहुंचा, लेकिन तब तक 1 बजकर 40 मिनट हो चुके थे.
एक साल हुआ बर्बाद।
संतोष का कहना है कि NEET की परीक्षा दोपहर 2 बजे से होनी थी, जिसके आधा घंटा पहले पहुंचने का निर्देश दिया गया था. संतोष ने कहा कि परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचने के कारण वहां मौजूद अधिकारियों ने उसे परीक्षा देने से रोक दिया. संतोष ने आने में देर होने की वजह बताई और अधिकारियों से गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी। संतोष ने कहा कि सिर्फ 10 मिनट की देर होने से उसका एक साल बर्बाद हो गया.