उत्तरप्रदेश में यूपीएसएसएफ (UPSSF) के गठन का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है। दरअसल अब उत्तरप्रदेश के राज्यपाल ने भी उत्तरप्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। इसके बाद योगी सरकार ने 3 महीने के अंदर यूपीएसएसएफ (UPSSF) के गठन निर्णय लिया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने यूपीएसएसएफ (UPSSF) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसका मुख्यालय लखनऊ होगा और अपर पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी इसका मुखिया होगा।
अधिसूचना के अनुसार, यदि यूपी एसएसएफ को विश्वास हो जाए कि कोई अपराध किया गया है या किया जा रहा है और अपराधी भाग सकता है, हमला कर सकता है तो वह उसकी संपत्ति व घर की तलाशी लेने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए वारंट और मजिस्ट्रेट की अनुमति की जरूरत नहीं होगी।
ये रहेंगे पॉवर।
- ऐसी कार्यवाही में सुरक्षा बल के अधिकारी या सदस्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कराया जा सकेगा।
- न्यायालय भी विशेष सुरक्षा बल के किसी सदस्य के विरुद्ध किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगा। इसका सीधा मतलब है कि बिना सरकार की इजाजत के यूपी एसएसएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोर्ट भी संज्ञान नहीं लेगा।
- उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2020 के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को पुलिस के अधिकारी या उनकी अनुपस्थिति में नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट के साथ ले जाना होगा।
- बल के प्रत्येक सदस्य को सदैव ड्यूटी पर माना जाएगा .
- उन्हें राज्य के भीतर किसी भी स्थान पर नियोजित किया जा सकता है।
- राज्य सरकार इस अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए नियमावली बना सकती है।
यूपीएसएसएफ (UPSSF) के गठन का ये रहेगा रोडमैप।
- प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही प्रथम चरण में पांच बटालियन गठित की जाएगा। इसके लिए कुल 1,913 नए पदों का सृजन किया जाएगा।
- इस विशेष सुरक्षा बल को असीमित शक्तियां भी दी जाएंगी। इस विशेष सुरक्षा बल को अपनी ड्यूटी स्थल पर बिना किसी वारंट के किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार और तलाशी लेने का भी अधिकार होगा।
- गृह विभाग के अनुसार शुरुआत में बल में 9919 जवान होंगे।
- ख़बरों की माने तो विशेष सुरक्षा बल के पांच बटालियनों के गठन पर कुल 1747.06 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है।
इन सब की सुरक्षा की होगी ज़िम्मेदारी।
यूपी एसएसएफ के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट, लखनऊ खंडपीठ, जिला न्यायालयों, राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालयों, पूजा स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डों, बैंकों व वित्तीय संस्थाओं, औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी। प्राइवेट कंपनियां भी पेमेंट देकर यूपी एसएसएफ की सेवाएं ले सकेंगी।
इसलिए किया गया गठन
यूपी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों की सुरक्षा पुलिस व पीएसी कर रही है जो इस कार्य के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित व कुशल नहीं है। इसे देखते हुए तथा प्रदेश की अदालतों व महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के मद्देनजर यूपी एसएसएफ के गठन का निर्णय किया गया।