लखीमपुर हिंसा मामले में कोर्ट ने सौंपी रिपोर्ट, SIT ने यूपी सरकार पर लगाया आरोप
लखीमपुर खीरी में हुई किसान हिंसा में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी की। इस दौरान जांच के लिए गठित की गई SIT ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा। SIT ने कहा कि हमने किसानों को कुचलने के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए यूपी सरकार को दो बार सिफारिश भेजी थी। इतना ही नहीं रिपोर्ट में बताया गया है कि सबूतों से पुष्टि होती है कि आशीष मौके पर था, उसे घटना के दिन डिप्टी मुख्यमंत्री के मार्ग में बदलाव के बारे में भी जानकारी थी।
SIT ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने लखीमपुर खीरी किसान हिंसा मामले में कहा है कि SIT ने यूपी सरकार को दो बार मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को रद्द करने की सिफारिश की थी। लेकिन जमानत रद्द करने पर कोई विचार नहीं किया गया है। इसकी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उस जगह पर थे, जिसमें आठ लोग मारे गए थे, और वे अक्तूबर में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अपनाए गए मार्ग में बदलाव के बारे में जानते थे।
लखीमपुर खीरी किसान हिंसा मामला
दरअसल, 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकुनिया में हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी।