भारत और न्यूजीलैंड के बीच बढ़ते संबंधों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस वार्ता के दौरान भारत विरोधी गतिविधियों, विशेष रूप से खालिस्तानी तत्वों से जुड़ी घटनाओं पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से न्यूजीलैंड सरकार से कहा कि इस तरह की गतिविधियों के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाना चाहिए। भारत ने कई बार अपने अंतरराष्ट्रीय मित्रों को यह सचेत किया है कि उनके देशों में भारत विरोधी तत्वों द्वारा आतंकवाद को महिमामंडित करने और भारतीय राजनयिकों व संस्थानों पर हमलों की धमकियों को गंभीरता से लिया जाए।
मजूमदार ने कहा कि न्यूजीलैंड सरकार ने भारत की इन चिंताओं को गंभीरता से लिया है और पहले भी इस विषय पर विचार किया है। उन्होंने कहा कि भारत विदेशी धरती से संचालित अलगाववादी आंदोलनों के खिलाफ अपने कड़े रुख पर अडिग है और वह अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से ऐसी चरमपंथी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की लगातार मांग कर रहा है।
प्रधानमंत्री लक्सन की यह यात्रा भारत और न्यूजीलैंड के मजबूत होते संबंधों का प्रमाण है। यह उनकी पहली भारत यात्रा है, और वे 10वें रायसीना संवाद के मुख्य अतिथि हैं। मजूमदार ने बताया कि बीते एक साल में दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय बैठकें हुई हैं।
मजूमदार ने कहा कि लक्सन की यह यात्रा भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को सभी क्षेत्रों में और प्रगाढ़ बनाएगी। दोनों देशों के बीच व्यापार, रणनीतिक सहयोग और लोगों के बीच संपर्क को और बढ़ावा मिलेगा। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
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