जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में भाजपा ने एक बार फिर अपना बोल बाला दिखाया है। नतीजे हालाकिं अभी पूरी तरीके से नहीं आये है लेकिन तस्वीर साफ़ हो चुकी है। बता दे 280 सीटों में से अभी कुछ सीटों पर मतगणना जारी है। गुपकार गठबंधन जम्मू-कश्मीर में 112 सीटें जीतकर सबसे आगे रहा है। हालांकि, भाजपा ने भी 74 सीटें जीती हैं। इस लिहाज से वह केंद्र शासित प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। दूसरी ओर जहां नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) 67 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही, वहीं महबूबा मुफ्ती की पीडीपी 27 सीटें ही जीत पाई। यहां तक कि निर्दलियों को भी 49 सीटें मिली हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने भी 26 सीटों पर कब्जा जमाया।
विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद था पहला बड़ा चुनाव।
जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद यह ऐसा पहला बड़ा चुनाव था जिसमें राज्य के लगभग सभी बड़े राजनीतिक दलों ने भाग लिया। जम्मू क्षेत्र के कठुआ, सांबा, उधमपुर और जम्मू जिलों में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है। गौरतलब है कि कुल 8 चरणों में जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद चुनाव के लिए मतदान हुआ था, और तो और जम्मू क्षेत्र में 68.37 प्रतिशत और कश्मीर घाटी में 34.41 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
इतनी सीटों पर थे चुनाव और इतनी पार्टी है दौड़ में।
राज्य की 280 जिला विकास परिषद सीटों के लिए हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अधिकतर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के साथ मिलकर कुछ दलों ने गुपकार गठबंधन बनाया था और मिलकर चुनाव लड़ा था।
घाटी में पहली बार खिला कमल।
बता दे ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर घाटी में पीडीपी और नेकां के खिलाफ भाजपा को जीत मिली है। भाजपा को घाटी में तीन सीटें मिली हैं। घाटी में जीत से उत्साहित भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है।