ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमलों की पुष्टि की है. संगठन ने इसे इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन बताया है. AEOI ने इसको लेकर IAEA पर उदासीनता और मिलीभगत का आरोप लगाया है.
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने परमाणु सुविधाओं पर हमलों के बाद बयान जारी किया, भारत में ईरान के दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया. “हाल के दिनों में ज़ायोनी दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद, आज सुबह, फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में देश के परमाणु स्थलों पर बर्बर आक्रमण किया गया – जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से NPT का उल्लंघन है. यह कार्रवाई, जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती है, दुर्भाग्य से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की उदासीनता – और यहां तक कि मिलीभगत – के तहत हुई. अमेरिकी दुश्मन ने, आभासी अंतरिक्ष के माध्यम से और अपने राष्ट्रपति की घोषणा के द्वारा, उल्लिखित साइटों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है, जो सुरक्षा समझौते और NPT के अनुसार निरंतर IAEA निगरानी में हैं…”
सीपीएम महासचिव एम.ए. बेबी ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन बताया है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ने यह हमला अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की उस रिपोर्ट को नजरअंदाज करते हुए किया जिसमें कहा गया था कि ईरान परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है.
अमेरिका की एयरस्ट्राइक के बाद अयातुल्लाह खामेनेई के प्रतिनिधि हुसैन शरियतमदारी ने कायहान अखबार को बताया कि अब बिना देरी किए कार्रवाई करने की हमारी बारी है. हमें सबसे पहले बहरीन में अमेरिकी नौसैनिक बेड़े पर मिसाइल अटैक करना चाहिए और अमेरिका, ब्रिटिश, जर्मन और फ्रांसीसी जहाजों के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करना चाहिए.
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