अफगानिस्तान में बढ़ते तालिबान के आतंक के बीच भारत सरकार की तरफ से हिंसा पर बड़ी टिप्पणी की गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति चिंताजनक है और हालात तेज़ी से बदल रहे है, लेकिन उम्मीद है वहां तत्काल और व्यापक युद्धविराम होगा। अफ़ग़ानिस्तान में बढ़ती टेंशन के बीच बागची ने यह भी जानकारी दी कि अफगानिस्तान में भारतीयों को वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से लौटने के लिए कहा गया है।
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों को लेकर अरिंदम बागची ने कही यह बात।
अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों को लेकर अरिंदम बागची ने कहा कि हम स्थिति पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं, हम वहां पर बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर चिंतित हैं। काबुल में हमारे मिशन ने भारतीय नागरिकों के लिए इस सप्ताह एक एडवायजरी जारी की थी। इसमें उन्हें व्यावसायिक उड़ानों के जरिए भारत लौटने की तैयारियां करने को कहा गया है।
वाणिज्यिक माध्यमों से अफगानिस्तान छोड़ने के लिए एडवाइजरी की है जारी की है, नहीं है कोई औपचारिक निकासी तंत्र।
उन्होंने कहा कि हमने वाणिज्यिक माध्यमों से अफगानिस्तान छोड़ने के लिए एडवाइजरी जारी की है, क्योंकि वहां कोई औपचारिक निकासी तंत्र नहीं है। मजार-ए-शरीफ में हमारे वाणिज्य दूतावास ने इस सप्ताह सभी भारतीय कर्मियों को वापस ले लिया है। यह अस्थायी उपाय है। हमारा वाणिज्य दूतावास स्थानीय स्तर पर भर्ती कर्मचारियों के साथ काम कर रहा है।
तालिबान के साथ चर्चा पर कही यह बड़ी बात।
तालिबान के साथ चर्चा से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम सभी हितधारकों, विभिन्न हितधारकों के संपर्क में हैं। मैं इस संबंध में आगे कुछ नहीं कहना चाहूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दोहा में अफगानिस्तान को लेकर एक बैठक में भाग ले रहा है। इस बैठक में अफगानिस्तान के कई हितधारक भी शामिल होंगे।
काबुल स्थित दूतावास नहीं होगा बंद।
अरिंदम बागची से जब पूछा गया कि अफगानिस्तान में कितने भारतीय हैं? तो उन्होंने कहा कि हमारे पास नंबर नहीं है, लेकिन हम सभी को लौटने की सलाह देंगे। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि काबुल स्थित दूतावास को बंद नहीं किया जा रहा है।
तालिबान द्वारा पकड़े गए भारतीय हेलीकॉप्टरों की यह है सच्चाई।
इधर तालिबान द्वारा पकड़े गए भारतीय हेलीकॉप्टरों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कुंदुज में हेलीकॉप्टर के बारे में बात हुई है जिसे छोड़ दिया गया है। यह अफगानिस्तान का आंतरिक मामला है क्योंकि यह भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर नहीं है। यह एक अफगान कॉप्टर है।
तालिबान द्वारा मचाए गए आतंक की बात करे तो बता दें कि गुरुवार को गजनी शहर पर कब्जा करने के साथ ही तालिबान ने महज एक हफ्ते में नौ प्रांतीय राजधानियों को अपने कब्जे में ले लिया है। वही दूसरी और रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान सरकार ने उन्हें समझौते में तालिबान के सत्ता हिस्सा देने की पेशकश की है, अगर वे युद्धविराम के लिए सहमत होते हैं।