भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में अपनी सबसे मजबूत उपस्थिति दर्ज की है, जिसमें 54 संस्थान इस सूची में जगह बना पाए हैं – जो 2025 में 46 और 2024 में 45 से एक महत्वपूर्ण छलांग है. 2014 में केवल 11 विश्वविद्यालयों की तुलना में यह 390% की वृद्धि भारत को जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला उच्च शिक्षा प्रणाली और रैंकिंग में चौथा सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश बनाती है, जो केवल अमेरिका, ब्रिटेन और चीन से पीछे है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग हमारे शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर लेकर आई है. हमारी सरकार भारत के युवाओं के लाभ के लिए अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है.”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “रिकॉर्ड 54 HEI (उच्च शिक्षा संस्थान) वैश्विक सर्वश्रेष्ठ में शामिल होने के साथ, भारत QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. 2014 में सिर्फ 11 विश्वविद्यालयों से लेकर नवीनतम रैंकिंग में 54 तक, यह 5 गुना छलांग पिछले दशक में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है.”
With a record 54 HEIs featuring among the global best, India hits a new high in the QS World University 2026 Rankings.
From just 11 universities in 2014 to 54 in the latest rankings, this five-fold jump is a testament to the transformative educational reforms ushered by PM… https://t.co/TGANwE5EED
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) June 19, 2025
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट करते हुए लिखा, वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ 54 उच्च शिक्षा संस्थानों में शामिल होने के साथ, भारत ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी 2026 रैंकिंग में एक नया मुकाम हासिल किया है. 2014 में केवल 11 विश्वविद्यालयों से नवीनतम रैंकिंग में 54 तक, यह पाँच गुना उछाल पिछले दशक में पीएम मोदी जी की सरकार द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों का प्रमाण है. एनईपी 2020 न केवल हमारे शैक्षिक परिदृश्य को बदल रहा है, बल्कि इसमें क्रांति ला रहा है. यह बेहद गर्व की बात है कि भारत जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली शिक्षा प्रणाली भी है और केवल यू.एस., यूके और चीन के बाद चौथे सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाला देश है. मुझे विश्वास है कि अनुसंधान, नवाचार और अंतर्राष्ट्रीयकरण पर एनईपी के जोर के साथ, आने वाले समय में और अधिक भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक उत्कृष्टता हासिल करेंगे.
आईआईटी दिल्ली ने इस साल शानदार प्रदर्शन करते हुए वैश्विक रैंकिंग में 123वां स्थान हासिल किया है, जो पिछले साल यानी 2025 की 150वीं और 2024 की 197वीं रैंक से उल्लेखनीय सुधार है. यह भारत का सर्वोच्च रैंक वाला संस्थान बन गया है. संस्थान ने कई प्रमुख मापदंडों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया- एम्प्लॉयर रेप्युटेशन में आईआईटी दिल्ली का वैश्विक स्तर पर 50वां स्थान है, वहीं सिटेशन्स पर फैकल्टी में 86वां स्थान जबकि एकेडमिक रेप्युटेशन में आईआईटी दिल्ली का 142वां स्थान है.
क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में अन्य भारतीय संस्थानों का शानदार प्रदर्शन किया है. आईआईटी दिल्ली के बाद, आईआईटी बॉम्बे इस साल 129वें स्थान पर रहा, जो पिछले साल की 118वीं रैंक से थोड़ा नीचे है. भारतीय संस्थानों में सबसे प्रभावशाली सुधार आईआईटी मद्रास ने दर्ज किया है. आईआईटी मद्रास साल 2025 में 227वें स्थान से 47 पायदान की छलांग लगाकर 180वां स्थान प्राप्त किया. अन्य प्रमुख भारतीय संस्थानों में आईआईटी खड़गपुर (215), आईआईएससी बैंगलोर (219) और दिल्ली विश्वविद्यालय (328) शामिल हैं.
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