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फैक्ट चेक: यूपी में अतिक्रमण हटाने का वीडियो फर्जी सांप्रदायिक दावों के साथ किया जा रहा है वायरल

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उन्नाव में एक इमारत को तोड़े जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो गया है कि यहाँ एक अवैध मस्जिद को तोड़ा गया है।

इस वीडियो को शेयर करने के दौरान कैप्शन लिखा है – “बद्रीनाथ को मजार बताने वाले मौलाना की मस्जिद अवैध निकली..…”

अंग्रेजी में ट्रांसलेशन – (Maulvi who told Badrinath as Mazar, his mosque has been declared illegal.)

उपरोक्त पोस्ट का लिंक आप यहां देख सकते है। इसी तरह के पोस्ट आप यहां, यहां, यहां और यहां भी देख सकते है।

फैक्ट चेक:

न्यूज़मोबाइल ने इस वायरल पोस्ट का फ़ैक्ट-चेक किया और पाया कि सोशल मीडिया पर यह वायरल दावा फ़र्ज़ी है।

सबसे पहले हमने वीडियो के कई की फ्रेम निकाले और फिर हमने एक कीफ़्रेम के साथ गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। वहां से हमे पता चला की यही वीडियो 26 जुलाई, 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह द्वारा एक हिंदी कैप्शन के साथ अपलोड किया गया था। वीडियो में कैप्शन था – उन्नाव में भूमाफियाओं पर बड़ी कार्यवाही चला योगी का बुलडोजर। जलशक्ति सिंचाई विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत भूमाफियाओं से मुक्त कराई जा रही 2.5 एकड़ जमीन नहर की जमीन पर किए गए अवैध निर्माण को हटाया जा रहा है। सुबह 7 बजे से चल रही कार्यवाही करोड़ों की जमीन हो रही खाली।

यही वीडियो उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा भी एक कैप्शन के साथ अपलोड किया गया था। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा – माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी और माननीय जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के के नेतृत्व में जनपद उन्नाव में सिंचाई विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत भूमाफियाओं से मुक्त कराई गई 2.5 एकड़ जमीन!

उपरोक्त किसी भी ट्वीट में यह उल्लेख नहीं है कि यह एक मस्जिद है, लेकिन इसे एक अतिक्रमण के रूप में उल्लेख किया गया है।

हमने उपयुक्त कीवर्ड के साथ भी खोज की और पाया कि 26 जुलाई, 2021 को पत्रिका द्वारा एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें कहा गया था कि कई चेतावनियों के बावजूद, 6 लोग अतिक्रमित भूमि को नहीं छोड़ रहे थे और इसलिए अतिक्रमण हटाने के लिए यूपी सिंचाई विभाग द्वारा जेसीबी का उपयोग किया गया था।

नवभारत टाइम्स ने उन्नाव के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार के हवाले से कहा कि सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण हो रहे थे। नोटिस दिया गया और प्राथमिकी भी दर्ज की गई, जिसके बाद कई लोगों ने अतिक्रमण छोड़ दिया। यह जमीन काफी महंगी है और हाईवे के पास है और अभी अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया जा रहा है।

इतनी जानकारी से हम दावा कर सकते है कि अतिक्रमण हटाने के इस वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।

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