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प्रवर्तन निदेशालय टीम ने नेशनल हेराल्ड के दरफ्तर में की छापेमारी, पढ़ें पूरी खबर

फाइल फोटो
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प्रवर्तन निदेशालय टीम ने नेशनल हेराल्ड के दरफ्तर में की छापेमारी, पढ़ें पूरी खबर

 

मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नेशनल हेराल्ड के दफ्तर में छापेमारी की । बता दें की ईडी की टीम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी ने नेशनल हेराल्ड के दफ्तर के साथ ही 12 ठिकानों पर छापेमारी की है।

इसके अलावा खबर है कि नेशनल हेराल्ड केस से जुड़ीं दिल्ली व अन्य अलग-अलग लोकशन पर भी ईडी की टीम पहुंची है। यहां भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

यह है पूरा मामला 

1962-63 में दिल्ली-मथुरा रोड रोड के 5-A बहादुर शाह जफर मार्ग पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को 0.3365 एकड़ जमीन आवंटित की गई. जमीन आवंटित करते हुए यह शर्त रखी गई कि इस भूमि पर बनने वाली बिल्डिंग का निर्माण किसी और काम के लिए नहीं होगा. साल 2008 में कांग्रेस की यूपीए सरकार सत्ता में थी, तब एक बार फिर इस अखबार का प्रकाशन बंद किया गया. वजह बताई कि कंपनी घाटे में है इसलिए यह फैसला लिया गया है.

2011 में घाटे में चल रही इस कंपनी की होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी गई. यंग इंडिया लिमिटेड की एंट्री यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) एक कंपनी है. इसकी शुरुआत साल 2010 में हुई. राहुल गांधी तब समय कांग्रेस महासचिव थे और वही इस कंपनी के डायरेक्टर भी बने थे. इसके सबसे ज्यादा 38-38 फीसदी शेयर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम थे. अन्य 24 फीसदी शेयर होल्डर में कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, पत्रकार सुमन दुबे, और कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा शामिल थे.

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा मोड़ 2012 में आया, जब भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने आरोप लगाते हुए निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने कहा, यंग इंडिया लिमिटेड द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में धोखाधड़ी और विश्वासघात किया गया. इस धोखाधड़ी में कांग्रेस के कुछ नेता शामिल थे।

गांधी परिवार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के फंड का इस्तेमाल करके AJL का अधिग्रहण किया और इस कंपनी की 2000 करोड़ की सम्पत्ति पर कब्जा करने की कोशिश की।

स्वामी में शिकायत में लिखा कि यंग इंडिया ने AJL की दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, मुंबई और दूसरे शहरों में मौजूद संपत्तियों पर कब्जा किया. इसको लेकर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर छल के जरिए सम्पत्ति पर अधिग्रहण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, AJL को दिया गया ऋण अवैध है, क्योंकि इसे पार्टी के फंड से दिया गया थाा.