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भारत में फिर बढ़ने लगे कोविड-19 के मामले, सक्रिय मरीजों की संख्या 5,755 तक पहुंची

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भारत में एक बार फिर से कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा देखने को मिला है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 5,755 हो गई है। बीते 24 घंटों में कुल 391 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं। हालांकि यह संख्या शुक्रवार के मुकाबले थोड़ी कम है, जब 498 नए मामले दर्ज किए गए थे। इसके साथ ही, 760 मरीज इस अवधि में ठीक भी हुए हैं, जो शुक्रवार के 764 रिकवरी आंकड़े से थोड़ा कम है।

इस दौरान देश में चार लोगों की कोरोना से संबंधित वजहों से मौत हो गई है। मरने वालों में एक मरीज महाराष्ट्र से था, जो 45 वर्षीय गर्भवती महिला थी। उसे प्रसव के दौरान अचानक झटके आए और उसकी हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। बाद में जांच में वह कोविड पॉजिटिव पाई गई और उसकी अस्पताल में मौत हो गई। इसी तरह, केरल में 59 वर्षीय एक पुरुष, जो पहले से ही फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित था, की भी कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हुई। अन्य दो मौतें मध्य प्रदेश और तमिलनाडु से हुई हैं। ये दोनों मरीज 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे और पहले से कई अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे।

राज्यों की बात करें तो केरल में शनिवार को सबसे अधिक 127 नए मामले दर्ज किए गए हैं और एक व्यक्ति की मृत्यु भी हुई है। गुजरात में 183 नए मामले सामने आए हैं, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 822 पहुंच गई है। हालांकि वहां पिछले 24 घंटों में किसी की मौत नहीं हुई। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सभी नए मरीज ओमिक्रॉन के JN.1, LF.7, LF.7.9 और XFG वेरिएंट से संक्रमित हैं, जो आमतौर पर हल्का बुखार और खांसी जैसे लक्षण पैदा करते हैं। महाराष्ट्र में 86 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 31 मरीज पुणे शहर से, 2 पुणे जिले के ग्रामीण हिस्सों से और 28 मुंबई से हैं। राज्य में जनवरी से अब तक कुल 1,362 मामलों की पुष्टि की जा चुकी है।

उत्तराखंड में शनिवार को चार नए कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को देहरादून में सात लोग पॉजिटिव मिले थे, जिनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करने का कार्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी बीच, ओडिशा में सरकार ने कोविड को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। राज्य के शिक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड ने कहा है कि शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि वे वायरस के संपर्क में आने की स्थिति में संक्रमण को रोकने के उपाय जान सकें।

फिलहाल, देश में कोरोना की स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन लगातार बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग नजर बनाए हुए है। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर नए संक्रमण ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़े हैं, जो हल्के लक्षण देते हैं और अस्पताल में भर्ती की ज़रूरत कम ही पड़ती है। फिर भी, लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासकर बुजुर्गों और बीमारियों से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए सतर्क रहना ज़रूरी है।

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