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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी से मिलेंगे सर्वदलीय वैश्विक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार शाम 7 बजे अपने आधिकारिक निवास लोक कल्याण मार्ग पर “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत विदेश दौरे पर गए सर्वदलीय वैश्विक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के कार्यालय की ओर से सभी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को इस बैठक की जानकारी दी गई है।

यह प्रतिनिधिमंडल उस वक्त तैयार किया गया था जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। इसके बाद भारत ने 7 मई को जवाबी कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने कार्रवाई की और करीब 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया।

इस ऑपरेशन के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को दुनिया के सामने रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भेजा। 50 से ज्यादा लोग, जिनमें सांसद, पूर्व राजदूत और पूर्व सरकारी अधिकारी शामिल थे, 30 से ज्यादा देशों का दौरा कर भारत की नीति को सामने रखा और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया।

इस अभियान में कुल 7 ग्रुप बनाए गए थे, जिनका नेतृत्व अलग-अलग दलों के सांसदों ने किया:

ग्रुप 1: भाजपा नेता बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया का दौरा किया गया।

ग्रुप 2: भाजपा के रविशंकर प्रसाद की अगुवाई में यूके, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क गए।

ग्रुप 3: जेडीयू नेता संजय कुमार झा ने इंडोनेशिया, मलेशिया, कोरिया, जापान और सिंगापुर का दौरा किया।

ग्रुप 4: शिवसेना के श्रीकांत शिंदे यूएई, लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन गए।

ग्रुप 5: कांग्रेस नेता शशि थरूर अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया गए।

ग्रुप 6: डीएमके सांसद कनिमोई करुणानिधि स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लातविया और रूस गईं।

ग्रुप 7: एनसीपी-एससीपी की सुप्रिया सुले ने मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया।

इन प्रतिनिधिमंडलों ने अपने-अपने दौरों में न केवल भारत के आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दुनिया के सामने रखा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने की भूमिका पर भी सबूतों के साथ चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की ग्रे लिस्ट में शामिल करने की मांग भी उठाई।

अब ये सभी प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी यात्रा की जानकारी देंगे और इस वैश्विक अभियान की आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

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