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18 वर्षीय गुकेश ने रचा इतिहास, बने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन

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18 वर्षीय भारतीय शतरंज बाज गुकेश डोमराजू ने गुरुवार को एक रोमांचक फाइनल में चीन के डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया. चैंपियनशिप का 14वां और निर्णायक गेम, जिसमें दोनों खिलाड़ी 6.5 अंकों पर बराबरी पर थे, ऐसा लग रहा था कि यह ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है, लेकिन डिंग की देर से हुई गलती के कारण गुकेश ने खिताब अपने नाम कर लिया.

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुकेश डी को सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, “…यह उनकी अद्वितीय प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट दृढ़ संकल्प का परिणाम है। उनकी जीत ने न केवल शतरंज के इतिहास में उनका नाम दर्ज किया है, बल्कि लाखों युवा दिमागों को बड़े सपने देखने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित किया है…”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बनने पर गुकेश डी को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, “…उन्होंने भारत को बहुत गौरवान्वित किया है. उनकी जीत शतरंज की महाशक्ति के रूप में भारत की साख को मजबूत करती है…”

शतरंज के महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने गुकेश डी को बधाई दी जो सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए हैं. उन्होंने ट्वीट किया, “…यह शतरंज के लिए गर्व का क्षण है, भारत के लिए गर्व का क्षण है, WACA के लिए गर्व का क्षण है, और मेरे लिए, यह गर्व का बहुत ही व्यक्तिगत क्षण है…”

इसी खेल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप इन दिनों भारत में चल रही थी, जिसमें भारत के 18 साल के डोम्माराजू गुकेश शतरंज के मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन चीन के डिंग लिरेन की बादशाहत को कड़ी चुनौती दे रहे थे. टूर्नामेंट बड़े ही दिलचस्प दौर तक पहुंचा. 14 मैचों तक चले मुकाबले में आखिर गुकेश बाजी मार ले गए. रोमांच किस कदर था यह आप उससे समझ सकते हैं कि 12 मैच पूरे होने तक डिंग लिरेन 6-6 के स्कोर से गुकेश के साथ बराबरी पर थे. दोनों ही खिलाड़ियों ने दो-दो मैच जीते थे और आठ मैच ड्रॉ रहे. 13वीं बाजी पर ड्रॉ पर खत्म हुई और 14वीं और निर्णायक बाजी गुकेश जीत गए. इस तरह शतरंज का अगला बादशाह मिल गया.

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