Hindi Newsportal

17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम का हिस्सा बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

0 431

दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर 17वीं भारतीय सहकारी कांग्रेस कार्यक्रम में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा, आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है. मैंने लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी का प्रयास आवश्यक है और सहकार की भावना भी तो सभी के प्रयास का ही संदेश देती है.

 

पीएम ने कहा, जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई तो हमने सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया. हमने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया और अलग बजट का प्रावधान किया. आज सहकारिता को वैसी ही सुविधाएं और वैसा ही मंच उपलब्ध कराया जा रहा है जैसा कॉर्पोरेट को मिलता है.

 

सहकारी समितियों की ताकत बढ़ाने के लिए उनके लिए टैक्स की दरों को भी कम किया गया है. सहकारिता क्षेत्र से जुड़े जो मुद्दे वर्षों से लंबित थे, उन्हें तेज गति से सुलझाया जा रहा है. हमारी सरकार ने सहकारी बैंक को भी मजबूती दी है. सहकारी बैंक के लिए नियमों को आसान बनाया गया है.

 

  • 2014 से पहले किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी मदद मिलती थी वो बिचौलियों के जेब में जाती थी. सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे मझोले किसान वंचित ही रहते थे. पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है. आज करोड़ों छोटे किसानों को PM किसान सम्मान निधि मिल रही है.
  • किसानों को उनकी फसल की ऊंची कीमत मिले इसको लेकर हमारी सरकार शुरू से गंभीर रही है. पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • अमृत काल में देश के गांव और किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के सहकारिता विभाग की भूमिका बहुत बढ़ने वाली है. सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे.
  • किसानों को उनकी फसल की उचित कीमत मिले इसको लेकर हमारी सरकार शुरू से गंभीर रही है. पिछले 9 साल में MSP को बढ़ाकर, MSP पर खरीद कर 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों को दिए गए हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
  • केंद्र सरकार ने एक मिशन, पाम ऑयल शुरू किया है. उसी प्रकार से तिलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए बड़ी मात्रा में फैसले लिए जा रहे हैं. देश की सहकारिता संस्थाएं इस मिशन की बागडोर थाम लेगी तो आप देखिएगा कितनी जल्दी हम खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएंगे.