नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पिछले महीने जमानत के लिए याचिका खारिज करने के बाद आज, सोमवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
अप्रैल में, उच्च न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए जैन की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि वह एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सत्येंद्र जैन धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) द्वारा निर्धारित जमानत के दोहरे मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं.
दिल्ली के पूर्व मंत्री को पिछले साल मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के आपराधिक प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया था. ईडी के अधिकारियों ने दावा किया कि जैन ने पूछताछ के दौरान गोलमोल जवाब दिए, जिसके कारण उन्हें हिरासत में लेने का निर्णय लिया गया.
जैन को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 2017 में सीबीआई द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. पूर्व मंत्री पर उनसे जुड़ी विभिन्न कंपनियों के माध्यम से धन शोधन का आरोप लगाया गया था.