नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बजरंग दल पर दिया हुआ बयान उन पर ही भारी पड़ता नजर आ रहा है. खरगे को बजरंग दल के मानहानि मामले में समन जारी हुआ है.
पंजाब की एक अदालत ने कांग्रेस पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को संघ से संबद्ध विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल (Bajrang Dal) के साथ प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की तुलना करने के मामले में 100 करोड़ रुपये की मानहानि केस में तलब किया है. संगरूर की जिला अदालत के सिविल जज रमनदीप कौर ने सौ करोड़ रुपये के मानहानि केस में खरगे को समन जारी किया है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना “सिमी और अल-कायदा जैसे राष्ट्र-विरोधी संगठनों” से की थी. बजरंग दल का नाम लेते हुए, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था जो “बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक समुदायों के बीच दुश्मनी या नफरत” को बढ़ावा देते हैं.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल की तुलना “सिमी और अल-कायदा जैसे राष्ट्र-विरोधी संगठनों” से की थी. जिसके बाद चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक ताने सहित भाजपा नेताओं के भारी विरोध के बाद, कांग्रेस को अपने वादे को स्पष्ट करना पड़ा. पीएम मोदी ने मतदाताओं से ‘जय बजरंगबली’ का जाप करने और “संस्कृति का दुरुपयोग” करने वालों को दंडित करने का आग्रह किया था.