एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में सियासी उथल-पुथल ज़ोर पकड़ रहा है। इस सियासी उथल-पुथल के साथ राजनितिक बयानबाज़ी भी तेज़ हो चुकी है। अब इस बीच मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस को बड़ी सफलता मिली है। दरअसल ATS द्वारा उस वॉल्वो कार को जब्त कर लिया है, जिसे सचिन वझे इस्तेमाल करता था। बता दे इस वॉल्वो कार को दमन में छुपाकर रखा गया था।
महाराष्ट्र: महाराष्ट्र एटीएस (एंटी-टेररिज्म क्वाड) ने मनसुख हिरन हत्याकांड मामले में दमन से एक वोल्वो कार जब्त की।#Maharashtra #MansukhHirenMurderCase #MansukhHiren #AntiliaCase pic.twitter.com/fS3cZpf8Or
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) March 23, 2021
अब गाड़ी का जांच में जुटे एटीएस के एक्सपर्ट्स।
दरअसल महाराष्ट्र एटीएस (ATS) ने सोमवार को दमन की एक फैक्ट्री में छापा मारा था, जहां उन्हें वॉल्वो कार के अलावा कई अहम सबूत मिले है। इस गाड़ी को जब्त करने के बाद महाराष्ट्र एटीएस के एक्सपर्ट्स अब इस गाड़ी की जांच में जुटे हैं। एटीएस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गाड़ी के असली मालिक के और सचिन वझे के संबंध किस तरह के हैं।
एनआईए भी कर रहा था वॉल्वो कार की तलाश।
कथित ख़बरों के मुताबिक इस वॉल्वो गाड़ी का असली मालिक अभिषेक नाथानी उर्फ अभिषेक अग्रवाल है और इस कार की तलाश NIA को भी थी, लेकिन अब महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने इसे दमन से जब्त किया है।
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आपको बता दें कि एंटीलिया के सामने जो कार बरामद हुई थी, उसके कुछ दिन बाद ही मनसुख हिरेन का शव भी मिला था। बाद में जांच में पाया गया कि मनसुख हिरेन की हत्या की गई है। अब इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस कर रही है, जिसके मद्देनज़र बीते दिन ही ये जांच मुंबई से गुजरात पहुंची थी। जहां एटीएस की टीम ने कई सिम बरामद किए थे और लोगों से पूछताछ शुरू कर दी थी।
ATS कैसे पहुंची गुजरात ?
दरअसल, इस मामले में पुलिस को सबूत मिला था कि जो संदिग्ध सिम थे, उन्हें अहमदाबाद से खरीदा गया था। यही कारण रहा कि एटीएस की टीम गुजरात पहुंची थी। अब इस हत्याकांड के आरोप में पकड़े गए दो आरोपियों में से एक ने गुजरात से सिम खरीदने की बात कबूल की थी।
फिलहाल कहाँ है सचिन वझे ?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र पुलिस के अफसर सचिन वाजे को लेकर लगातार विवाद हो रहा है। पहले उनका नाम एंटीलिया मामले में आया, उसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख हिरेन मामले में भी सचिन वाजे को मुख्य आरोपी माना। सचिन वाजे अभी एनआईए की कस्टडी में हैं और 25 मार्च तक सलाखों के पीछे ही रहेंगे।