नई दिल्ली: राज्यसभा ने बुधवार को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधेयक को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उच्च सदन में पारित होने के लिए पेश किया.
यह बिल पहले लोकसभा से पारित हो चुका है.
पिछले मानसून सत्र में केंद्र सरकार ने व्यापक विधायिका लाने के उद्देश्य से डेटा संरक्षण विधेयक को वापस ले लिया था. वैष्णव ने कहा था कि मूल मसौदे का अध्ययन करने वाली संयुक्त संसदीय समिति ने 91 खंडों वाले विधेयक में 88 संशोधनों का सुझाव दिया, जिसके कारण सरकार को निर्णय लेना पड़ा कि मूल विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने के अलावा “कोई विकल्प नहीं” था.
नवंबर में, सरकार डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक का एक और मसौदा लेकर आई और इसे सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा गया.
विधेयक का फोकस इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन नुकसान से बचाना और एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, क्योंकि भारत आज एक डिजिटल अर्थव्यवस्था का पावरहाउस है.
दोबारा पेश किए गए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के मसौदे में छह तरह के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है.