कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर केआर रमेश कुमार का बड़ा फैसला देखने को मिला है. स्पीकर रमेश कुमार ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है.
इनमें कांग्रेस के 11 और जनता दल (सेकुलर) के 3 विधायक शामिल हैं. इससे पहले स्पीकर ने 3 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. ऐसे में अभी तक कुल मिलकर स्पीकर ने निर्दलीय, कांग्रेस और जेडीएस के कुल 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है.
जिन विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य घोषित किया है, उनके नाम इस प्रकार है –
कांग्रेस – बैराठी बसवराज, मुनिरत्न, एसटी सोमशेखर, रोशन बेग, आनंद सिंह, एमटीबी नागराज, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ. सुधाकर, शिवराम हेब्बार, श्रीमंत पाटिल को अयोग्य करार दिया.
जेडीएस – के. गोपालैया, नारायण गौड़ा, ए एच विश्वनाथ
अपना फैसला सुनाने के बाद स्पीकर केआर रमेश ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा,”हम कहां तक पहुंच गए हैं? जिस तरह से मुझ पर (कर्नाटक में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम) एक स्पीकर होने के नाते दबाव डाला जा रहा है … इन सभी चीजों ने मुझे भारी अवसाद की तरफ धकेल दिया है. बीएस येदियुरप्पा ने मुझे कल विश्वास मत की निगरानी करने के लिए कहा है. वित्त विधेयक 31 जुलाई को समाप्त होने के लिए तैयार है। मैं सभी विधायकों से विश्वास प्रस्ताव के लिए सत्र में उपस्थित होने की अपील करता हूं.”
Speaker KR Ramesh Kumar: Where have we reached? The way I am being pressurized to deal with the situation(recent political developments in Karnataka) being a speaker… all these things have pushed me into a sea of depression. pic.twitter.com/BmUEvO2wJw
— ANI (@ANI) July 28, 2019
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कर्नाटक विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 225 है कुल 17 विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है. यानि अब स्पीकर को छोड़कर संख्या 207 हो गई है और ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 104 का है जबकि भाजपा के पास खुद के 105 विधायक हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेता बी. एस. येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. शपथ ग्रहण करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हम 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखेंगे. सोमवार को जब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे तो उनके सामने सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या को जुटाना भी एक चुनौती होगा.
कांग्रेस – जेडीएस की गठबंधन सरकार 99 – 105 के अंतर से विश्वास मत हार गई थी .