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मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा, पूरे दिन के लिए राज्यसभा को किया गया स्थगित

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मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में हंगामा, पूरे दिन के लिए राज्यसभा को किया गया स्थगित

 

राज्यसभा एक बार फिर मंगलवार को पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। आज राज्यसभा को दो बार स्थगन का सामना करना पड़ा क्योंकि विपक्षी दल मणिपुर हिंसा मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग करते रहे। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की भी मांग की।

इससे पहले, राज्यसभा को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सदन दोबारा शुरू होने पर विपक्षी दलों ने अपना विरोध जारी रखा और प्रश्नकाल शुरू हुआ। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने विरोध कर रहे सदस्यों से सदन में व्यवस्था बनाए रखने को कहा।

उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि आज जब 50 सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है तो मणिपुर मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि “इतने सारे प्रतिनिधि संसद में 267 के तहत नोटिस दे रहे हैं। हम मणिपुर के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं,”।

I.N.D.I.A गठबंधन पर पीएम मोदी की द्वारा हालिया की गयी टिप्पणी पर बात करते हुए खड़गे ने एएनआई को दिए एक बयान में कहा, ”हम पीएम मोदी से संसद में आने और मणिपुर मुद्दे पर बोलने का आग्रह करते हैं लेकिन वह अपनी पार्टी की बैठक में ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में बात कर रहे हैं। वह विपक्षी दलों द्वारा खुद को I.N.D.I.A बताए जाने से क्यों डरे हुए हैं?” उन्होंने कहा कि वे पटना और बेंगलुरु में हमारी सफल बैठकों से घबराये हुए हैं। PM दिशाहीन हो गए हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें और कैसे करें। मणिपुर का मुद्दा राजस्थान, छत्तीसगढ़ या पश्चिम बंगाल जैसा नहीं है, यह इससे कहीं अधिक गंभीर है। यह देश के पूरे पूर्वोत्तर राज्यों के लिए चिंता का विषय है। मणिपुर के बाद अब मेघालय, मिजोरम में स्थिति बिगड़ रही है। यह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा है। उन्हें महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की कोई चिंता नहीं है।