बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण हुई मौतों के आंकडें में लगातार वृद्धि होती जा रही है. इस बुखार के कारण यहां पर अब तक 84 बच्चों की मौत हो चुकी है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर पहुंच गए हैं.
जिला प्रशासन पहले ही इस बीमारी से निजात पाने की दिशा में कदम उठा रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इससे मरने वाले बच्चों के परिवारों को चार लाख रूपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों को इस बीमारी से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है.
Bihar CM Nitish Kumar announces an ex-gratia of Rs 4 Lakh each to families of the children who died due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) in Muzaffarpur. He has also given directions to health dept, dist admn & doctors to take necessary measures to fight the disease.(file pic) pic.twitter.com/u3k6HyjNBK
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बता दें कि इस बीमारी का प्रकोप बच्चों पर देखा जा रहा है. जहां यह बीमारी एक से सात साल के बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है, वहीं 15 साल के बच्चों पर भी इसका असर अब दिख रहा है.
डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.
ALSO READ: 2019 विश्व कप का सबसे रोचक मुकाबला आज, मैनचेस्टर में भारत-पाक होंगे आमने-सामने
चमकी बुखार के साथ-साथ बिहार में गर्मी के कारण होने वाली मौतों के आंकडें में भी बढ़ोतरी देखी गयी. बिहार के गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में गर्मी से 12 लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती है.
राज्य प्रशासन ने सभी मृतकों के परिवारों को चार लाख के मुआवज़े का ऐलान किया है. इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे आने वाले परिवारों को मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए 20 हज़ार रूपये भी दिए जाने का ऐलान किया गया है.