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फैक्ट चेक: क्या केंद्र ने सरकारी नौकरी चाहने वाले कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए ‘विशेष परीक्षा’ की घोषणा की? जानें सच्चाई

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समाचार संगठन News18 हिंदी के एक लेख का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि 2021 में पदोन्नत (प्रमोट) हुए 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को सरकारी नौकरियों के लिए एक विशेष परीक्षा देनी होगी।

स्क्रीनशॉट में मैसेज में लिखा है, ‘Sarkari Naukri: 10वीं, 12वीं में प्रमोट होने वाले स्टूडेंट्स को देना होगा स्पेशल एग्जाम’

उपरोक्त पोस्ट का लिंक यहां देखा जा सकता है।

इसी तरह के पोस्ट फेसबुक पर बड़े पैमाने पर शेयर किए जा रहे हैं, इन्हें यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

कई उपयोगकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ एक स्क्रीनशॉट भी साझा किया जिसमें पाठ में कहा गया है कि सरकारी नौकरियों के लिए 10 और 12 के परिणामों पर विचार नहीं किया जाएगा।

फैक्ट चेक

न्यूजमोबाइल ने पोस्ट की जांच की और पाया कि यह दावा भ्रामक है। सबसे पहले, हमने मामले पर अधिक स्पष्टता प्राप्त करने के लिए न्यूज 18 की मूल रिपोर्ट की तलाश की।

7 जुलाई, 2021 की मूल रिपोर्ट के अनुसार, असम सरकार ने एक आदेश जारी किया कि कक्षा 10 और 12 के छात्र, जिन्हें COVID-19 के दौरान बिना कोई परीक्षा दिए अगली कक्षा में पदोन्नत किया गया है, उन्हें एक विशेष परीक्षा देनी पड़ सकती है।

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष परीक्षा 15 सितंबर (महामारी के आधार पर) तक आयोजित की जानी थी। राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार, असम के शिक्षा विभाग या असम सरकार के किसी अन्य विभाग में शिक्षक / कर्मचारी बनने के इच्छुक सभी लोगों को परीक्षा देनी होगी।

आगे खोज करने पर हमें 8 जुलाई, 2021 की कई मीडिया रिपोर्टें भी मिलीं, जिसमें कहा गया है कि ‘असम सरकार ने घोषणा की थी कि वह कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं के मूल्यांकन फॉर्मूले में विवादास्पद खंड को वापस ले लेगी, जिसमें कहा गया है कि जो छात्र शिक्षक बनने या सरकारी नौकरी के इच्छुक हों, उन्होंने बाद में कोविड -19 की स्थिति में सुधार होने पर उसी परीक्षा में बैठना होगा’।

हमने वेब पर भी सर्च किया लेकिन केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार द्वारा ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला।

हमने यह भी पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट में प्रधानमंत्री मोदी की जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, वह अगस्त 2019 की है जब उन्होंने फ्रांस में भारतीय समुदाय से बातचीत की थी।

इसलिए, उपरोक्त जानकारी से यह स्पष्ट है कि वायरल दावा भ्रामक है।

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