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पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, कार्यक्रम के 98वें एपिसोड को किया संबोधित

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पीएम मोदी ने की ‘मन की बात’, कार्यक्रम के 98वें एपिसोड को किया संबोधित

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। यह मन की बात कार्यक्रम की कड़ी का 98वां एपिसोड है। इस दौरान पीएम मोदी ने देश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ के इस 98वें एपिसोड में आप सभी के साथ जुड़कर मुझे बहुत खुशी हो रही है। सेंचुरी की तरफ बढ़ते इस सफर में, ‘मन की बात’ को, आप सभी ने, जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का, अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर ‘मन की बात’ में हमने 3 प्रतियोगिता की बात की थी। ये प्रतियोगिताएं देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली पर आधारित थी। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि देशभर के 700 से अधिक जिलों के 5 लाख से अधिक लोगों ने इसमें भाग लिया है।

उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर मुझे लता मंगेश्कर जी की याद आना स्वभाविक है क्योंकि जब ये प्रतियोगिता प्रारंभ हुई थी उस दिन लता दीदी ने ट्वीट कर देशवासियों से आग्रह किया था कि वे इस स्पर्धा में जरूर जुड़ें। कुछ दिन पहले ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ दिए गए। ये पुरस्कार संगीत और कला प्रदर्शन के क्षेत्र में उभर रहे प्रतिभाशाली कलाकारों को दिए जाते हैं। ये कला और संगीत की लोकप्रियता बढ़ाने के साथ ही इसकी समृद्धि में अपना योगदान दे रहे हैं।

पीएम मोदी ने जनता के संबोधन में कहा कि देश के सामान्य मानवी के लिए, मध्यम वर्ग के लिए, पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा है। ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति है। भारत के UPI की ताकत भी आप जानते ही हैं। दुनिया के कितने ही देश, इसकी तरफ आकर्षित हैं। कुछ दिन पहले ही भारत और सिंगापुर के बीच UPI-PAYNOW लिंक लॉन्च किया गया। अब सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाईल फोन से उसी तरह पैसे स्थानांतरण कर रहे हैं जैसे वे अपने-अपने देश के अंदर है।

पश्चिम बंगाल की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हुगली ज़िले के बांसबेरिया में इस महीने ‘त्रिबेनी कुम्भो महोत्सव’ का आयोजन किया गया। इसमें 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना विशेष इसलिए है क्योंकि इस प्रथा को 700 साल के बाद पुनर्जीवित किया गया है। त्रिबेनी की विरासत को पुनर्स्थापित करने और कुंभ परंपरा के गौरव को पुनर्जीवित करने के लिए यहां पिछले साल कुंभ मेले का आयोजन किया गया था। 7 सदियों बाद, 3 दिन के कुंभ महास्नान और मेले ने इस क्षेत्र में एक नई उर्जा का संचार किया है।