अंतरराष्ट्रीय सागर तट स्वच्छता दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री ने एक आभासी कार्यक्रम में घोषणा की कि पहली बार भारत के आठ सागर तटों की प्रतिष्ठित “अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणपत्र” के लिए सिफारिश की गई है ।
In a first, 8 beaches of India recommended for the coveted #BlueFlag International eco-label.
World Bank has applauded India’s coastal zone mgmt efforts.Kasarkod, Padubidri beach (KA); Kappad (KL); Rushikonda (AP) are in list.#BEAMS program aims at sustainable coastal mgmt. pic.twitter.com/JcuVlwRBLx
— Y. Satya Kumar (@satyakumar_y) September 18, 2020
प्रमुख पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों की एक स्वतंत्र राष्ट्रीय ज्यूरी ने यह सिफारिश की है। “ब्लू फ्लैग सागर तट” विश्व के सबसे स्वच्छ सागर तट माने जाते हैं। ये आठ सागर तट हैं –
गुजरात का शिवराजपुर तट
दमण एवं दीव का घोघला तट
कर्नाटक का कासरगोड बीच
पदुबिरदी बीच
केरल का कप्पड बीच
आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा बीच
On #InternationalCoastalCleanupDay I am proud that the #RushikondaBeach in #Visakhapatnam has been recommended among 8 beaches in India for the coveted #BlueFlag certification. Blue Flag beaches are considered among the cleanest beaches in the 🌎 .@PrakashJavdekar .@ysjagan pic.twitter.com/yBD4yzTNDJ
— Sanchaita Gajapati (@sanagajapati) September 19, 2020
ओडिशा का गोल्डन बीच
अंडमान निकोबार का राधानगर बीच
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर, संसद के मौजूदा सत्र के जारी रहने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार देश भर के सागर तटों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तटवर्ती इलाकों के स्वच्छ सागर तट स्वच्छ पर्यावरण के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री कचरा और तेल के बिखरने से समुद्री जीव जंतुओं का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और भारत सरकार सागर तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए महती प्रयास कर रही है।
“BEAMS” (Beach Environment & Aesthetics Management Services).
Let us pledge to save our beaches and keep them clean.#IAmSavingMyBeach
— Y. Satya Kumar (@satyakumar_y) September 18, 2020
इस कार्यक्रम में भारत के अपने ईको लेबल “बीम्स” का भी शुभारंभ किया गया और इसके लिए इन आठों सागर तटों पर एक साथ –#IAMSAVINGMYBEACH नाम का ई ध्वज लहराया गया। यह परियोजना आईसीजेडएम (ICZM) की कई अन्य परियोजनाओं में से एक परियोजना है जिसे भारत सरकार तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए लागू कर रही है ताकि वैश्विक रूप से मान्य प्रतिष्ठित ईको लेबल ब्लू फ्लैग को हासिल किया जा सके।
अगले 4 से 5 वर्षों में स्वच्छ बनेंगे हमारे सागर तट।
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण सचिव श्री आर पी गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सागर तटों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से ही उच्च मानक तय किए गए हैं और अगले चार से पांच वर्ष में 100 अन्य सागर तटों को पूरी तरह स्वच्छ बना दिया जाएगा।
ऐसे शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस।
अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस 1986 में शुरू हुआ था, जब लिंडा मरानिस की सागर संरक्षण के मामले को लेकर कैथी ओ हारा से मुलाकात हुई थी। ओ हारा ने तभी एक रिपोर्ट” प्लास्टिक इन दि ओशन: मोर दैन ए लिटिल प्राब्लम” पूरी की थी। ये दोनों इसके बाद अन्य सागर प्रेमियों के संपर्क में आईं और उन्होंने “क्लीन अप फार ओशन कंजर्वैंसी” का आयोजन किया। इस पहले क्लीन अप में 2,800 स्वयंसेवियों ने भाग लिया। उसी समय से ये क्लीन अप सौ से अधिक देशों में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया।