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पहली बार, भारत के आठ सागर तटों को प्रतिष्ठित “ब्लू फ्लैग अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल” दिए जाने की हुई सिफारिश, ये समुद्र तट है शामिल

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अंतरराष्ट्रीय सागर तट स्वच्छता दिवस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्री ने एक आभासी कार्यक्रम में घोषणा की कि पहली बार भारत के आठ सागर तटों की प्रतिष्ठित “अंतरराष्ट्रीय ईको लेबल ब्लू फ्लैग प्रमाणपत्र” के लिए सिफारिश की गई है ।

प्रमुख पर्यावरणविदों और वैज्ञानिकों की एक स्वतंत्र राष्ट्रीय ज्यूरी ने यह सिफारिश की है। “ब्लू फ्लैग सागर तट” विश्व के सबसे स्वच्छ सागर तट माने जाते हैं। ये आठ सागर तट हैं –

गुजरात का शिवराजपुर तट

ShivrajPur Beach – Dwaraka

दमण एवं दीव का घोघला तट

Ghoghla Beach – Diu

कर्नाटक का कासरगोड बीच

Kasargod Beach

पदुबिरदी बीच

Padubidri-Beach

केरल का कप्पड बीच


Kappad beach

आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा बीच

Rushikonda_Beach

ओडिशा का गोल्डन बीच

Golden Beach

अंडमान निकोबार का राधानगर बीच

Radhanagar Beach

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर, संसद के मौजूदा सत्र के जारी रहने के कारण इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार देश भर के सागर तटों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तटवर्ती इलाकों के स्वच्छ सागर तट स्वच्छ पर्यावरण के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि समुद्री कचरा और तेल के बिखरने से समुद्री जीव जंतुओं का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और भारत सरकार सागर तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए महती प्रयास कर रही है।

इस कार्यक्रम में भारत के अपने ईको लेबल “बीम्स” का भी शुभारंभ किया गया और इसके लिए इन आठों सागर तटों पर एक साथ –#IAMSAVINGMYBEACH नाम का ई ध्वज लहराया गया। यह परियोजना आईसीजेडएम (ICZM) की कई अन्य परियोजनाओं में से एक परियोजना है जिसे भारत सरकार तटवर्ती इलाकों के सतत विकास के लिए लागू कर रही है ताकि वैश्विक रूप से मान्य प्रतिष्ठित ईको लेबल ब्लू फ्लैग को हासिल किया जा सके।

Beach Cleaning India

अगले 4 से 5 वर्षों में स्वच्छ बनेंगे हमारे सागर तट।

इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण सचिव श्री आर पी गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सागर तटों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से ही उच्च मानक तय किए गए हैं और अगले चार से पांच वर्ष में 100 अन्य सागर तटों को पूरी तरह स्वच्छ बना दिया जाएगा।

ऐसे शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस।

अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस 1986 में शुरू हुआ था, जब लिंडा मरानिस की सागर संरक्षण के मामले को लेकर कैथी ओ हारा से मुलाकात हुई थी। ओ हारा ने तभी एक रिपोर्ट” प्लास्टिक इन दि ओशन: मोर दैन ए लिटिल प्राब्लम” पूरी की थी। ये दोनों इसके बाद अन्य सागर प्रेमियों के संपर्क में आईं और उन्होंने “क्लीन अप फार ओशन कंजर्वैंसी” का आयोजन किया। इस पहले क्लीन अप में 2,800 स्वयंसेवियों ने भाग लिया। उसी समय से ये क्लीन अप सौ से अधिक देशों में एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम बन गया।

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