देश के प्रमुख और बिहार राजनीति के कद्दावर नेताओं में से एक केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर आज पटना के दीघा घाट पहुँचा यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने अतिंम संस्कार किया। इस दौरान घाट पर कई राजनीतिक नेताओं मौजूद नजर आए। बता दे अपने पिता को LJP (लोक जनशक्ति पार्टी) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुखाग्नि दी।
बिहार: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार किया ।@iChiragPaswan #Ramvilashpaswan @LJP4India pic.twitter.com/aWx29tAgMe
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 10, 2020
इससे पहले रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने रामकृपाल यादव सहित कई बड़े नेता पहुंचे। इस दौरान चिराग पासवान बेहद भावुक दिखे और रामकृपाल यादव को देखते ही वो उनसे गले लग कर रोने लगे। रामकृपाल भी इस दौरान अपने आंसू नहीं रोक पाए। दोनों नेताओं को रोता देख हर कोई भावुक हो गया।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार।
#WATCH | Bihar: Last rites ceremony of #RamVilasPaswan being performed by his son Chirag Paswan, at Digha ghat in Patna. Bihar CM Nitish Kumar, Union Ministers Ravi Shankar Prasad & Nityanand Rai, Deputy CM Shushil Modi & RJD leader Tejashwi Yadav also present. pic.twitter.com/nIzoO6v74U
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बता दे आज भी बेटे चिराग ने अपने पिता को कंधा दिया तो लोगों की आंखें भर आईं. बीती शाम को ही पासवान का पार्थिव शरीर पटना पहुंचा था. एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई बड़े नेता रामविलास को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर भी चिराभ भावुक दिखे और हाथ जोड़कर अपने पिता को नमन कर श्रद्धांजलि दी थी.
ये सब भी थे मौजूद।
पासवान के अंतिम संस्कार के दौरान केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और नित्यानंद राय, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी रामविलास पासवान की अंतिम यात्रा के दौरान पटना के दीघा घाट में मौजूद रहे।
अंतिम संस्कार में केंद्र सरकार और केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रतिनिधित्व केंद्रीय कानून एवं विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद कर रहे हैं। इस दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘रामविलास जी बिहार ही नहीं, देश के नेता थे, वो एक जन नेता थे। मैं अटल जी की सरकार में उनके साथ कोयला खान राज्य मंत्री था, मैं उनकी क्षमता जानता हूं। वो उपेक्षितों की एक बहुत बड़ी आवाज बने। ये उनके जाने का समय नहीं था।’