हाल ही में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत ली थी। लेकिन इस कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ के नारे ठीक उस वक़्त लग गए जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्टेज की और अपना भाषण देने के लिए कदम उठाया ही था। अब ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने वाली घटना से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ खुश नहीं है।
नारें लगाने वालों की हो पहचान, साज़िश की भी हो जांच – आरएसएस।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की बंगाल यूनिट के महासचिव जिश्नू बसु का कहना है कि, ‘आरएसएस का मत है कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि देने वाले सरकारी कार्यक्रम में इस तरह ‘जय श्रीराम’ के नारे नहीं लगाए जाने चाहिए थे। जो कुछ हुआ संघ उससे नाखुश है। ऐसे लोगों के मन में न तो नेता जी का सम्मान है न भगवान राम का। जिन लोगों ने यह नारा लगाया उनकी पहचान होनी चाहिए। बीजेपी को इसमें शामिल लोगों को खोजना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि कहीं यह किसी किस्म की साजिश तो नहीं थी।
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ममता ने भाषण देने से कर दिया था इनकार।
बता दे विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित इस कार्यक्रम में ठीक उसी समय दर्शकों के बीच से ‘जय श्री राम’ के नारे लगे थे जब सीएम ममता बनर्जी भाषण देने जा रही थीं। इससे नाराज होकर ममता ने कहा था, ”यह सरकार का कार्यक्रम है, किसी राजनैतिक दल का कार्यक्रम नहीं है। इसकी एक डिग्निटी होनी चाहिए। मैं प्रधानमंत्री जी, संस्कृति मंत्रालय की आभारी हूं कि उन्होंने कोलकाता में कार्यक्रम आयोजित किया, लेकिन किसी को आमंत्रित करके उसे बेइज्जत करना आपको शोभा नहीं देता है। जय हिंद, जय बांग्ला।”
#WATCH | I think Govt's program should have dignity. This is not a political program….It doesn't suit you to insult someone after inviting them. As a protest, I won't speak anything: WB CM Mamata Banerjee after 'Jai Shree Ram' slogans were raised when she was invited to speak pic.twitter.com/pBvVrlrrbb
— ANI (@ANI) January 23, 2021
कार्यक्रम को करने वाली थी सम्बोधित।
बता दे कार्यक्रम में ममता बनर्जी को लोगों को संबोधित करना था, लेकिन नारे लगने के बाद वह काफी नाराज हो गईं और महज एक मिनट से भी कम समय तक मंच पर बने पोडियम से बोलीं।इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र ने नेताजी का जन्मदिन ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर घोषित करने से पहले मुझसे मशविरा नहीं किया।