नई दिल्ली: दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. दिल्ली सरकार में नियुक्त 450 से ज्यादा लोगों की नियुक्ति उपराज्यपाल द्वारा रद्द किए जाने की दलील पर सुप्रीम कोर्ट 17 जुलाई को सुनवाई करेगा.
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है. इस मामले में केंद्र को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
एसजी ने इस मामले में बताया कि इन पदों पर केवल गलत तरीके से नियुक्त व्यक्ति ही नियुक्त किए गए हैं. सीजेआई ने कहा कि हम 437 सलाहकारों को हटाने के संबंध में केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए समय देंगे. CJI डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है.
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि यह अध्यादेश ‘‘कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक इस्तेमाल” है जो शीर्ष अदालत और संविधान की मूल संरचना का ‘‘उल्लंघन” करने का प्रयास करता है. दिल्ली सरकार ने अध्यादेश को रद्द करने के अलावा इस पर अंतरिम रोक लगाने का भी अनुरोध किया है.
दरअसल दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अध्यादेश पर रोक की मांग की थी. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमने केंद्र को नोटिस जारी किया है.