IT कानूनों को लेकर ट्विटर और भारत में तना- तनी अभी थमी नहीं है। दरअसल केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों से जवाबदेही की मांग करते हुए बुधवार को कहा है कि ट्विटर ने उनके खाते को अमेरिकी कॉपीराइट अधिनियम का नाम ले कर रोक दिया था पर उसे भारत के कानून का भी तो ध्यान रखना चाहिए जहां वह काम कर रही है और पैसे कमा रही है।
If you (Twitter) are going to invoke the Digital Millennium Copyright Act of America then you have to also be cognisant of the copyright rules of India. You can't say my whole stand will be regulated by an ex-parte assessment of US law: Union Minister Ravi Shankar Prasad (30.6) pic.twitter.com/xmFvk8a13o
— ANI (@ANI) July 1, 2021
इंडिया ग्लोबल फोरम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की यह टिप्पणी।
प्रसाद ने इंडिया ग्लोबल फोरम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि “अगर आप अमेरिकी के डिजिटल कॉपीराइट अधिनियम को लागू करने जा रहे हैं तो आपको भारत के कॉपीराइट नियमों का भी ध्यान रखना चाहिए।” मंत्री ने कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि मेरे इस पूरे रुख का नियमन अमेरिकी कानून के एकपक्षीय मूल्याकंन के आधार पर किया जाएगा। उच्च प्रौद्योगिकी की इस भूमिका और लोकतंत्र के बीच एक सुखद समन्वय का कोई समाधान ढूंढना ही होगा।”
जवाबदेही करनी होगी तय – प्रसाद।
इतना ही नहीं प्रसाद ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में काम करने की आजादी है लेकिन उन्हें भारतीय संविधान और कानूनों को प्रति जवाबदेह होना होगा।
ट्विटर ने नए आईटी कानूनों का अब तक नहीं किया पालन।
बता दे पिछले कुछ समय में ट्विटर कई मुद्दों को लेकर सरकार के निशाने पर रही है। इसी के साथ माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने सोशल मीडिया कंपनियों से जुड़े नये आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) कानूनों का अब तक पालन नहीं किया है। नये नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत है।
सरकार ट्विटर को दे चुकी है आखिरी मौका।
इतना ही नहीं सरकार इससे पहले इस महीने की शुरुआत में सरकार ने ट्विटर को नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दे चुकी है और सरकार ने यह मौका देते हुआ कहा था कि अगर वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।